ड्यूश बैंक (Deutsche Bank) अपने भारतीय रिटेल बैंकिंग बिजनेस को बेचने पर विचार कर रहा है। इसके लिए उसने भारत में घरेलू और विदेशी बैंकों से बोली आमंत्रित की है। यह कदम बैंक के भारत में निवेश कम करने की रणनीति का हिस्सा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
जर्मनी के इस बैंक ने अपने रिटेल बिजनेस को और ज्यादा लाभदायक बनाने का वादा किया है। मार्च में सीईओ क्रिश्चियन सिविंग ने कहा था कि 2025 में रिटेल बैंक से करीब 2,000 कर्मचारियों की छंटनी होगी और ब्राचों की संख्या में भी बड़ी कटौती की जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ड्यूश बैंक 17 ब्राचों वाले अपने रिटेल बिजनेस को पूरी तरह से बेचने चाहता। रॉयटर्स को सूत्रों ने बताया कि यह चर्चा गोपनीय है।
ड्यूश बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा कि बैंक “अफवाहों या मार्केट अटकलों पर टिप्पणी नहीं करता।”
Also Read: ट्रंप का दावा: भारत अमेरिकी सामान जीरो टैरिफ करने के लिए तैयार, कहा- लेकिन अब हो चुकी बहुत देर
सूत्रों ने बताया कि ड्यूश बैंक ने अपने भारतीय रिटेल एसेट्स के लिए कई बैंकों से गैर-बाध्यकारी बोलियों की आखिरी तारीख 29 अगस्त तय की थी। अभी तक प्राप्त किसी भी संभावित बोली का विवरण स्पष्ट नहीं है। बैंक अपने भारतीय रिटेल बिजनेस के लिए जो वैल्यूएशन मांग रहा है, वह भी तुरंत स्पष्ट नहीं हुआ।
ड्यूश बैंक के खुलासों के अनुसार, मार्च 2025 तक वित्तीय वर्ष में भारत में इसके रिटेल बैंकिंग का रेवेन्यू 27.83 करोड़ डॉलर था।
दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत में धनी व्यक्तियों की बढ़ती संख्या के बावजूद इस विदेशी बैंकों को घरेलू बैंकों से कड़ी प्रतिस्पर्धा और नियामक सीमाओं के कारण रेवेन्यू बढ़ाने में मुश्किलें आई हैं।
ड्यूश बैंक भारत में 1980 के दशक की शुरुआत से एक्टिव है। यह बैंक भारत में ट्रेजरी, डेरिवेटिव्स ऑपरेशन, प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट और कॉर्पोरेट व रिटेल बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करता है।