नया साल शुरू होने में हफ्ता भर ही रह गया है, इसलिए अपने वित्तीय दस्तावेज खंगालने या दुरुस्त करने में बिल्कुल भी देर न कीजिए। कुछ आसान से काम कीजिए, जिनके बाद लक्ष्यों की समीक्षा करने, पोर्टफोलियो जांचने और नए सिरे से संतुलन बिठाने जैसे पेचीदा काम करने का रास्ता साफ हो जाएगा।
नॉमिशेन अपडेट करें
सबसे पहले पक्का कर लीजिए कि आपके सभी नॉमिनेशन और पते अप-टु-डेट हों। ऐसा करेंगे तो अपके वारिसों को भविष्य में किसी तरह की दिक्कत में नहीं फंसना पड़ेगा। बैंक खातों, बीमा पॉलिसियों, म्युचुअल फंड आदि में नॉमिनेशन और पते बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं।
एसकेवी लॉ ऑफिसेज में एसोसिएट आश्विन सिंह समझाते हैं, ‘उन्हीं से तय होता है कि कोई भी योजना खरीदने वाले व्यक्ति की मौत होने या दुर्घटना होने पर रकम तथा लाभ किसी मिलेंगे। आपके द्वारा कराए गए नॉमिनेशन आपकी मौजूदा स्थिति और इच्छा के अनुरूप ही हैं, यह पक्का करने के लिए नियमित तौर पर समीक्षा करना तथा अपडेट करना बहुत जरूरी है।’ सिंह की सलाह है कि सभी नॉमिनेशन तथा पतों का रिकॉर्ड तैयार कर किसी सुरक्षित जगह रखना चाहिए ताकि भविष्य में उन्हें देखना आसान हो।
बैंक खाता संयुक्त है तो वह ‘आइदर ऑर सर्वाइवर’ (दोनों में से कोई खाताधारक अथवा जीवित बचा खाताधारक) या ‘जॉइंटली’ (संयुक्त रूप से) चलाया जा रहा होगा। एमबी वेल्थ फाइनैंशियल सॉल्यूशन्स के संस्थापक एम बर्वे कहते हैं, ‘यदि खाता ‘आइदर ऑर सर्वाइवर’ है तो जीवित बचा व्यक्ति जमा राशि का दावा कर सकता है। फिर भी ऐसे खाते में किसी को नॉमिनेट करना समझदारी होगी।’
नई क्रेडिट रिपोर्ट देखें
क्रेडिट रिपोर्ट आपका वित्तीय रिकॉर्ड बताती हैं, जिनमें क्रेडिट कार्ड, भुगतान का रिकॉर्ड और बकाया कर्ज दिया जाता है। बैंकबाजार के मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी कहते हैं, ‘अपनी क्रेडिट रिपोर्ट नियमित रूप से देखते रहेंगे तो पहचान की चोरी या धोखाधड़ी का पता बहुत जल्दी लग जाएगा। अगर आपको कोई ऐसा खाता या लेनदेन दिखता हो, जिसकी आपको खबर ही नहीं है तो फौरन बैंक या कंपनी से संपर्क कीजिए और अपना क्रेडिट प्रोफाइल ज्यादा बिगड़ने से बचाइए।’
बैंकबाजार जैसी फिनटेक कंपनियां क्रेडिट मॉनिटरिंग यानी क्रेडिट प्रोफाइल पर नजर रखने की सेवा प्रदान करती हैं। शेट्टी कहते हैं, ‘यदि आपको गड़बड़ी दिख रही है तो क्रेडिट ब्यूरो के पास शिकायत दर्ज कराएं।’
एसोसिएशन ऑफ रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के सदस्य जिगर पटेल कहते हैं कि क्रेडिट स्कोर अधिक रहना बहुत जरूरी है। वह बताते हैं, ‘इससे आपकी क्रेडिट लिमिट बढ़ जाती है तथा कम ब्याज दर और नरम शर्तों (जैसे जुर्माना नहीं, कम शुल्क, लंबी अवधि आदि) पर कर्ज मिल जाता है।’
बर्वे आगाह करते हैं, ‘एनओसी में कर्ज लेने वाले का नाम, पता, आवास ऋण खाता संख्या, कर्ज शुरू होने और बंद होने की तारीख तथा ली गई एवं चुकाई गई रकम जैसा ब्योरा जरूर होना चाहिए।’ उसमें यह भी लिखा होना चाहिए कि संपत्ति कर्ज से पूरी तरह मुक्त है। अगर कोई लिन है यानी संपत्ति पर बैंक के कब्जे की बात लिखी रह गई है तो कर्ज लेने वाले और बैंक प्रतिनिधि को रजिस्ट्रार के दफ्तर जाकर इसे हटवाना चाहिए।
इमरजेंसी के लिए रकम
आपात स्थितियों के लिए रखी रकम यदि किसी कारण से कम हुई है तो उसे वापस बढ़ाना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। अचानक बीमारी, दुर्घटना या नौकरी जाने की स्थिति में यह रकम परिवार के बहुत काम आ सकती है।
पटेल की राय है कि कोई भी बड़ा खर्च करने से पहले इमरजेंसी की रकम पूरी कर लेनी चाहिए। वह कहते हैं, ‘इमरजेंसी की रकम घर में रखी जा सकती है, बैंक में जमा या ऑटो फिक्स्ड खाते में डाली जा सकती है अथवा लिक्विड और अल्ट्रा-शॉर्ट डेट म्युचुअल फंड में भी रखी जा सकती है।’
बॉक्स
कार से हाइपोथिकेशन कैसे हटाएं
• कार लोन चुकाने के बाद एनओसी समेत सभी जरूरी कागज बैंक या एनबीएफसी से ले लीजिए
• हाइपोथिकेशन हटाने के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) जाएं और फॉर्म 35 भरें
• असली फॉर्म 35 भरें, कर्जदार और बैंक के दस्तखत और मुहर लगवाएं, बैंक की असली एनओसी, पैन की प्रति, कार बीमा पॉलिसी की प्रति, असली आरसी, पते का प्रमाण आदि भी जमा करें
• कागजों का सत्यापन आरटीओ से कराएं और शुल्क भी जमा करें
• बताई गई तारीख और समय पर अपनी अपडेटेड आरसी ले लें
स्रोत: बैंक वेबसाइट