वित्त-बीमा

अगले पांच साल में मुनाफे की चिंता हो जाएगी दूर: वी वैद्यनाथन

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक अगले पांच साल में ऋण वृद्धि को 20 प्रतिशत तक सीमित करेगा

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मनोजित साहा   
Last Updated- January 30, 2024 | 11:09 PM IST

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक अपने ऋणों को करीब 20 प्रतिशत और जमाओं को 25 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रहा है। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी वी वैद्यनाथन ने मनोजित साहा को फोन पर साक्षात्कार में बताया कि गिरवी बगैर दिए गए ऋणों पर जोखिम भार बढ़ाने के आरबीआई के नए मानकों से पूंजी पर्याप्तता अनुपात पर 1 प्रतिशत तक असर हुआ है। प्रमुख अंश:

बैंक ने अगले पांच साल में 20 प्रतिशत की ऋण वृद्धि का लक्ष्य रखा है, जबकि ऋण वृद्धि अभी 25 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। क्या वजह है?

20 प्रतिशत एक संभावित संख्या है और हमारा मानना है कि निश्चित तौर पर इसे हासिल कर लिया जाएगा। यदि हम बेहतर कर सकते हैं तो हमें इस पर नजर रखनी होगी, लेकिन इसे लेकर हमें अनुशासित रहना होगा।

ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि हमारे एनपीए लक्ष्य पूरे होने चाहिए। भले ही जमाएं 40 प्रतिशत की दर से बढ़ रही हैं, लेकिन हमने अगले पांच साल के लिए सालाना आधार पर सिर्फ 25 प्रतिशत का अनुमान रखा है।

पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) अक्टूबर के 18.06 प्रतिशत से घटकर दिसंबर में 16.73 प्रतिशत रह जाने का कारण क्या रहा?
सामान्य वृद्धि और जोखिम भारांक में वृद्धि- दोनों के कारण तीसरी तिमाही में सीएआर में गिरावट आई।

हालांकि 16.7 प्रतिशत काफी मजबूत आंकड़ा है। जोखिम भारांक में वृद्धि वजह से पूंजी पर 100 आधार अंक का प्रभाव पड़ा। लेकिन हम व्यवसाय के मुख्य बुनियादी आधार पर ध्यान देते हैं। वह मजबूत है।

क्या आपको असुरक्षित ऋण खातों में कमी की उम्मीद है?

हमारा मानना है कि ऊंचे जोखिम भारांक और ऋण सख्ती के कारण इस सेगमेंट में नरमी आएगी। हमें नियामक की बात माननी होती है। हमने नियम भी सख्त बनाए हैं। हमारे असुरक्षित उस तरह असुरक्षित नहीं हैं। ये भी काफी सुरक्षित हैं और ग्राहकों के नकदी प्रवाह पर आधारित है।

लागत-आय अनुपात घटा है, लेकिन यह अभी भी 73 प्रतिशत पर ऊंचा बना हुआ है। क्या इसमें और कमी आने का अनुमान है?

अगले साल के लिए हम ऋण वृद्धि सिर्फ 20 प्रतिशत रहने का अनुमान जता रहे हैं। इसका मतलब है कि 2,00,000 करोड़ रुपये के ऋण आधार से शुरुआत। बैंक को अगले साल सिर्फ 40,000 करोड़ रुपये की ऋण वृद्धि की जरूरत होगी।

इसके अलावा 10,000 करोड़ रुपये सीआरआर और एसएलआर के और करीब 7,000 करोड़ रुपये बॉन्ड भुगतान के और जोड़ लीजिए। मौजूदा जमा तंत्र पहले ही 50,000 करोड़ रुपये मिल रहे हैं। इसलिए, अगले साल देनदारी के संबंध में ज्यादा अतिरिक्त निवेश की जरूरत नहीं होगी। इसलिए हमारी लागत अगले साल से स्थिर रह सकती है।

पहले पांच साल (दिसंबर 2018 से) हमें शाखाएं, एटीएम, लोग, प्रौद्योगिकी, ब्रांड सब कुछ स्थापित करने में लगे। लेकिन अगले पांच साल में इस निवेश का फायदा मिलेगा। वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही तक हम लागत-आय अनुपात में बड़ी कमी दर्ज करेंगे। यह वित्त वर्ष 2024-29 के अनुमान में दिखेगा।

ऋण जमा (सीडी) अनुपात 100 प्रतिशत से ज्यादा है? इसे घटाने की क्या योजना है?

यह विरासत में मिला मसला है। हमारी जमाएं लगातार हमारी ऋण वृद्धि से ज्यादा रही हैं। वित्त वर्ष 2024 के लिए हमारा बढ़ता सीडी अनुपात सिर्फ 79 प्रतिशत है और तीसरी तिमाही में यह 69 प्रतिशत था। पिछले साल यह 107 प्रतिशत से घटकर 101 प्रतिशत रह गया और हमें मार्च 2024 तक इसके 100 प्रतिशत से नीचे शायद 98 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है।

तीसरी तिमाही के लिए शुद्ध ब्याज मार्जिन 6.42 प्रतिशत था। क्या आप इस स्तर को बनाए रखने में सक्षम होंगे?

हमारा मार्जिन मजबूत था, क्योंकि पिछली तिमाही में हमने बचत खाते की ब्याज दर 1 लाख रुपये तक की जमाओं के लिए घटाकर 3 प्रतिशत कर दी थी। इससे पहले हम 4 प्रतिशत का ब्याज दे रहे थे। दिसंबर में बैंक का चालू एवं बचत खाता अनुपात 46.8 प्रतिशत पर मजबूत रहा। आगे भी हम इसे बनाए रखेंगे।

First Published : January 30, 2024 | 10:20 PM IST