सरकारी बॉन्डों की 31,000 करोड़ रुपये की नीलामी में मजबूत मांग देखी गई और इसकी कटऑफ कीमतें उम्मीद से ज्यादा रहीं क्योंकि ट्रेडरों ने नीलामी में शॉर्ट कवरिंग की। डीलरों ने यह जानकारी दी। ट्रेडर मोटे तौर पर साप्ताहिक स्तर पर नए बॉन्ड की आपूर्ति से पहले शॉर्ट करते हैं ताकि नीलामी में इसकी कवरिंग कर सके।
सरकार ने 2030 में परिपक्व (मैच्योर) होने वाला 7,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड की पेशकश 7.17 फीसदी पर, 2036 वाले 12,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड 7.41 फीसदी पर, 2063 वाले 12,000 करोड़ रुपये वाले बॉन्ड 7.25 फीसदी पर पेश किए।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2036 में परिपक्व व 7.41 फीसदी ब्याज वाले बॉन्ड की कटऑफ कीमतें 101.90 रुपये तय की जबकि बाजार का अनुमान करीब 101.83 रुपये था।
डीलरों ने कहा कि सरकारी बैंकों ने नीलामी में 7.17 फीसदी ब्याज वाले 2030 के बॉन्ड की स्टॉकिंग की। सरकारी बैंक मोटे तौर पर अपने हेल्ड टु मैच्योरिटी (एचटीएम) पोर्टफोलियो में सात साल वाली प्रतिभूतियां रखते हैं। कुछ डीलरों ने कहा कि कुछ सरकारी बैंकों ने 7.41 फीसदी ब्याज वाले 2036 के बॉन्ड HTM पोर्टफोलियो के लिए खरीदे क्योंकि उन्हें यह स्तर आकर्षक लगा।
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एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, इससे पहले सरकारी बैंक सिर्फ 5 साल, 7 साल और 10 साल वाली प्रतिभूतियां खरीदते थे, लेकिन अब वे 14 साल वाली प्रतिभूतियां भी खरीद रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्राइमरी डीलरशिप ने नीलामी में 2036 के 7.41 फीसदी ब्याज वाले बॉन्डों के शॉर्ट पोजीशन कवर किए।