वित्त वर्ष 2023-24 में लोन के बुक बेहतर होने की उम्मीद से बैंकों के लाभ में खासा इजाफा होगा। हालांकि बैंक के लाभ का प्रतिशत अलग अलग हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का कुल लाभ एक लाख करोड़ से अधिक होने का अनुमान है।
फाइनैंशियल सेक्टर की रेटिंग करने वाले आईसीआरए के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट कार्तिक श्रीनिवासन ने बताया, ‘बैंकों के लाभ के प्रतिशत में कुछ गिरावट हो सकती है लेकिन सही मायने में बैंकों में व्यापक वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है।’ एजेंसी के विशेषज्ञों ने वेबिनार में बैंकिंग क्षेत्र के प्रति सकारात्मक नजरिया पेश किया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2023-24 में बैंकिंग क्षेत्र में उधारी देने में खासी वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे बैंकों की आमदनी में खासी वृद्धि होगी। हालांकि संपत्ति गुणवत्ता का दबाव कम होने के कारण उधारी देने की कम लागत को समर्थन मिलेगा।
विश्लेषकों के अनुमान के मुताबिक मार्च 2024 तक सकल गैर निष्पादित संपत्तियों (जीएनपीए) गिरकर 2.8 से 3.0 प्रतिशत और शुद्ध गैर निष्पादित संपत्तियों (एनएनपीए) 0.8 से 0.9 प्रतिशत आने का अनुमान है जबकि 31 मार्च, 2023 को दशक का सबसे अच्छा जीएनपीए 3.96 प्रतिशत और एनएनपीएस 0.97 प्रतिशत था।
फाइनैंशियल क्षेत्र की रेटिंग्स आईसीआरए के वाइस प्रेजिडेंट अनिल गुप्ता ने कहा कि वित्त वर्ष 24 में नियंत्रण, चूक के मामले घटने और बट्टे खाते में रकम कम डाले जाने पर एनपीए के नए आंकड़े आने की उम्मीद है। हालांकि पहले कोविड-19 के दौरान वसूली कम हुई थी लेकिन भविष्य में वसूली में कमी होने की उम्मीद नहीं है।
बैंकिंग क्षेत्र के अपनी पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त आंतरिक पूंजी सृजित करने की उम्मीद है। कार्तिक श्रीनिवासन ने कहा, ‘सरकार भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पर्याप्त पूंजी डालने की इच्छुक नहीं है और उन्हें भी बाजार में आना होगा।’
दूसरी तरफ विशेषज्ञों का अनुमान है कि आर्थिक झटकों, नियामकीय विकासों और अनुमानित उधारी घाटे (ईसीएल) के जोखिम के कारण बैंकों के प्रदर्शन पर भी असर पड़ सकता है।