Urban co-operative banks: शहरी सहकारी बैंक (UCB) अपने को लघु वित्त बैंकों (SFB) में परिवर्तित किए जाने के इच्छुक नहीं हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के केंद्रीय बोर्ड के सदस्य व सहकार भारती के संस्थापक सतीश मराठे ने बताया कि UCB को SFB में परिवर्तित होने की स्थिति में अपने संचालन में बदलाव करना पड़ेगा। इसलिए एक को छोड़कर किसी भी UCB ने बदलाव के लिए आवेदन नहीं किया है।
आरबीआई ने 2018 में SFB में बदलाव के लिए वैकल्पिक दिशानिर्देश जारी किए थे। इन दिशानिर्देशों के मुताबिक UCB के पास अनिवार्य रूप से न्यूनतम 50 करोड़ रुपये की पूंजी होने की स्थिति में निजी क्षेत्र के SFB की तरह सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती हैं।
आवेदन करने के लिए उनके पास अनिवार्य रूप से पूंजी जोखिम (भारांश) परिसंपत्ति अनुपात 9 फीसदी या अधिक होना चाहिए। UCB को इस योजना की आवश्यकताओं को 18 महीने में पूरा करना होगा। इसके अलावा UCB को निजी क्षेत्र के SFB के ऑन टैप लाइसेंसिंग के नवीनतम दिशानिर्देशों को पूरा करना होगा। इसके अतंर्गत SFB को कारोबार शुरू करने की तारीख पर न्यूनतम 100 करोड़ रुपये की न्यूनतम हैसियत बनाए रखनी होगी।
सतीश मराठे ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘किसी भी शहरी सहकारी बैंक ने SFB में परिवर्तित किए जाने के लिए आवेदन नहीं किया है। अगर एक बार सहकारी बैंक को SFB में बदल दिया जाता है तो एक समयसीमा के बाद उसे सूचीबद्ध होना पड़ेगा। ऐसे में अमीर लोग कहीं अधिक निवेश करके निश्चित रूप से SFB पर नियंत्रण स्थापिति कर लेंगे। इस अवस्था में वर्तमान बोर्ड अपना नियंत्रण खो देगा।’
यह वैकल्पिक बदलाव की योजना सितंबर 2018 में घोषित की गई थी। अभी तक केवल उत्तर प्रदेश के शिवालिक मर्केंटाइल कोऑपरेटिव बैंक ने अपने को SFB में बदला है।