facebookmetapixel
MCap: टॉप 7 कंपनियों का मार्केट कैप ₹1.55 ट्रिलियन बढ़ा, रिलायंस-TCS के शेयर चमकेDelhi Weather Update: दिल्ली में हवा हुई जहरीली, AQI 325 तक पहुंचा – CM रेखा ने कहा, ‘क्लाउड सीडिंग जरूरी’सीनियर सिटीजन्स के लिए अक्टूबर में बंपर FD रेट्स, स्मॉल फाइनेंस बैंक दे रहे 8.15% तक ब्याजड्यू डिलिजेंस के बाद LIC ने किया अदाणी ग्रुप में निवेश, मंत्रालय का कोई हस्तक्षेप नहींकनाडा पर ट्रंप का नया वार! एंटी-टैरिफ विज्ञापन की सजा में 10% अतिरिक्त शुल्कदेशभर में मतदाता सूची का व्यापक निरीक्षण, अवैध मतदाताओं पर नकेल; SIR जल्द शुरूभारत में AI क्रांति! Reliance-Meta ₹855 करोड़ के साथ बनाएंगे नई टेक कंपनीअमेरिका ने रोका Rosneft और Lukoil, लेकिन भारत को रूस का तेल मिलना जारी!IFSCA ने फंड प्रबंधकों को गिफ्ट सिटी से यूनिट जारी करने की अनुमति देने का रखा प्रस्तावUS टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत, IMF का पूर्वानुमान 6.6%

धोखाधड़ी के तमगे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लंबी हो सकती है प्रक्रिया : यूको बैंक

Last Updated- March 28, 2023 | 9:08 PM IST
Supreme Court

यूको बैंक के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) सोम शंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि धोखाधड़ी के तमगे पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से बैंकों के लिए प्रक्रिया लंबी हो सकती है।

सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि किसी व्यक्ति के खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित करने से पहले बैंक के सामने देनदार को अपना पक्ष रखने की अनुमति मिलनी चाहिए।

प्रसाद ने कहा, अगर हम देनदार को नोटिस दें, उनकी बातें सुनें और फिर फैसला लें तो इससे हमारी प्रक्रिया सिर्फ और सिर्फ लंबी खिंचेगी। उन्होंने कहा कि यह इरादतन चूककर्ता के मामले जैसा ही हो जाएगा।

किसी खाते को धोखाधड़ी वाले खाते का तमगा देने और इरादतन चूककर्ता के मामले में बैंक अलग-अलग प्रक्रिया अपनाते हैं। प्रसाद ने कहा, लेकिन अब यह एक समान हो जाएगा, जहां हमें देनदार या उनके प्रतिनिधि को बुलाना होगा और धोखाधड़ी वाला घोषित करने से पहले उनकी बात सुननी होगी।

इरादतन चूककर्ता के मामले में एक समिति डिफॉल्टर की पहचान करती है, उसकी बात सुनती है और फिर फैसला लेती है। अंतत: इसकी समीक्षा भी होती है और बोर्ड के सामने रखा जाता है। बोर्ड या तो इसकी पुष्टि करता है या मामला देखने के बाद उसके पास स्वविवेक का अधिकार होता है कि ​इसे इरादतन चूककर्ता घोषित न किया जाए।

आरबीआई के साल 2016 के परिपत्र के मुताबिक किसी खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित किया जाता है। इसमें बैंकों को किसी देनदार के खाते को धोखाधड़ी वाला वर्गीकृत करने की इजाजत दी गई है और वह भी उसकी बात सुने बिना।

इस परिपत्र को तेलंगाना उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, जिसने साल 2020 में कहा कि खाते को धोखाधड़ी वाला वर्गीकृत किए जाने से पहले देनदार की बात सुनी जानी चाहिए। एसबीआई व आरबीआई इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय चले गए।

प्रसाद ने हालांकि कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला बैंकों को किसी खाते को धोखाधड़ी वाले खाते के तौर पर वर्गीकृत करने से नहीं रोकेगा। जब फॉरेंसिक ऑडिट हो जाने के बाद हमारे पास रिपोर्ट हो तो हम देनदार को अपना पक्ष रखने का मौका देंगे। अंतत: हमें ही फैसला लेना है। प्रसाद बैंक के 80 साल पूरे करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

वित्त वर्ष 23 में प्रदर्शन

इस मौके पर बैंक ने 4 लाख करोड़ रुपये के कारोबार को छू लिया। बैंक के एमडी व सीईओ ने कहा कि वित्त वर्ष 23 का शुद्ध‍लाभ बैंक के इतिहास में सबसे ज्यादा होगा। उन्होंने कहा, हमने 1,500 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ का लक्ष्य तय किया था और मुझे लगता है कि हम इसके पार निकलने जा रहे हैं। वित्त वर्ष 23 के नौ महीने में हमारा मुनाफा 1,281 करोड़ रुपये रहा है, जो नौ महीने का सर्वोच्च आंकड़ा है।

राष्ट्रपति का संदेश

यूको बैंक के 80 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा, बैंकों को परिसंपत्ति सृजन और आम लोगों की रकम को सुरक्षित रखने के बीच संतुलन बनाने की दरकार है। उन्होंने कहा, बैंकों की दो अहम जिम्मेदारी है। पहला, उन्हें आम लोगों की रकम का कस्टोडियन बनना होगा। दूसरा, उन्हें आज की इन जमाओं को आने वाले कल के लिए परिसंपत्ति सृजन में इस्तेमाल करना है। इन दोनों जिम्मेदारियों के बीच संतुलन हर बैंक के लिए चुनौती है।

First Published - March 28, 2023 | 9:08 PM IST

संबंधित पोस्ट