बीएस बातचीत
कभी संकट से घिर चुके येस बैंक के पुनगर्ठन को एक वर्ष पूरा हो गया है। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी प्रशांत कुमार का कहना है कि बैंक का बहीखाता अब दुरुस्त हो रहा है, लेकिन जब उच्चतम न्यायालय ऋणों को एनपीए के रूप में वर्गीकृत करने पर लगी रोक हटाएगा तो ब्याज आय का आंकड़ा कम हो सकता है। बैंक को कंपनियों को आवंटित होने वाले ऋणों का आंकड़ा बढऩे की उम्मीद जरूर लग रही है, लेकिन ऋण खाते में एमएसएमई एवं खुदरा ऋणों की हिस्सेदारी भी बढ़ सकती है। सुब्रत पांडा और अभिजित लेले ने कुमार से बैंक से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर बात की। प्रमुख अंश:
वित्त वर्ष 2021 की तीसरी तिमाही में शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) में सुधार दर्ज करने के बाद परिसंपत्ति गुणवत्ता पर उच्चतम न्यायालय का आदेश आने के बाद सूरत बदल सकती है। इससे बैंक के बहीखाते पर कितना असर होगा?
न्यायालय का आदेश आने पर सभी प्रभावित खातों में पूरा ब्याज हटाना पड़ सकता है। लिहाजा संबंधित तिमाही एक अपवाद होगी। इस समय हमारा शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.4 प्रतिशत है क्योंकि फंसे कर्ज की स्थिति में सुधार हुआ है और ब्याज आय भी बढ़ी है। हालांकि हरेक तिमाही तो ऐसा संभव नहीं है। हमारा एक मोटा अंदाजा है कि 700 से 800 करोड़ रुपये की ब्याज आय कम हो सकती है।
इस वित्त वर्ष में आप 5,000 करोड़ रुपये वसूली की उम्मीद कर रहे हैं। क्या बैंक यह लक्ष्य हासिल कर पाएगा?
कुछ समाधान योजनाएं फिलहाल चल रही हैं और कितनी रकम आएगी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हालांकि इस बात की भी पूरी गुंजाइश है कि चालू वित्त वर्ष में हमारी वसूली 4,500 करोड़ रुपये होगी।
ऐसा प्रतीत होता है कि बैंक घर से कार्य (डब्ल्यूएफएच) नीति को अंतिम रूप दे चुका है और करीब 30 प्रतिशत कर्मचारी घर से काम करेंगे। इससे किराये के मद में कितनी रकम बचेगी?
शुरू में बैंक मुख्यालय में हमने 12 मंजिल किराये पर ले रखी थीं। इनमें से दो पहले ही खाली की जा चुकी हैं। अगले छह महीने में दो मंजिलें और खाली कर देंगे। इस समय हरेक मंजिल के लिए किराये के मद में हम सालाना 10 करोड़ रुपये भुगतान करते हैं। डब्ल्यूएफएच नीति केवल बैक-ऑफिस या निगमित कार्यालय (कॉर्पोरेट ऑफिस) के लिए ही होगी और शाखा स्तर पर यह लागू नहीं होगी। फिलहाल मुंबई और दिल्ली इसका हिस्सा हैं, चेन्नई को भी इस नीति के तहत लाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा नहीं है कि ये 30 प्रतिशत कर्मचारी पूरी तरह घर से ही काम करेंगे। उन्हें समय-समय पर जरूरत के हिसाब से कार्यालय आना होगा। इस वजह से किसी व्यक्ति के बैठने के लिए खास जगह जगह निर्धारित नहीं होगी।
पुनगर्ठन प्रक्रिया शुरू होने के समय बैंक ने कर्मचारियों को यह आश्वासन दिया था कि कम से कम एक वर्ष तक किसी की नौकरी नहीं जाएगी। क्या यह बात आगे भी जारी रहेगी? क्या बैंक नए लोग भी नियुक्त कर रहा है?
पिछले तीन महीने के दौरान हमने 600 लोग नियुक्त किए हैं। जाहिर है जब हम नए लोग नियुक्त कर रहे हैं तो किसी को जाने के लिए नहीं कहेंगे। बैंक के मौजूदा कर्मचारियों ने पुनर्गठन में योगदान दिया है। जहां तक वेतन बढ़ोतरी की बात है तो हम इस पर काम कर रहे हैं।
येस बैंक के कारोबार पर लगी अस्थायी रोक और इसमें नए निवेशकों को आए एक वर्ष होने जा रहा है। अब बैंक में सूरत-ए-हाल क्या है?
तीन बातें हैं। सबसे पहले तो बैंक के परिचालन को स्थिरता देनी थी और वह काम पूरा हो चुका है। दूसरा अहम चुनौती थी बैंक के ऋण खाते पर महामारी का असर। इसे दुरुस्त करने में अभी 6 से 12 महीने का समय लग सकता है। तीसरी बात एनपीए खाते से जुड़ी है। सवाल है कि हम हम कितना और कितनी तेजी से सुधार कर सकते हैं। बैंक का परिचालन पटरी पर आ चुका है।