सितंबर 2024 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वृद्धिशील ऋण में हिस्सेदारी 3 प्रतिशत घटकर 51 प्रतिशत रह गई है। यह एक साल पहले 54 प्रतिशत थी। इसकी वजह यह है कि सरकारी बैंकों ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और असुरक्षित ऋण के लिए ऋण वितरण की गति को धीमा कर दिया है।
सितंबर 2024 की नीतिगत समीक्षा के साथ जारी मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कहा गया है कि वृद्धिशील ऋण में सरकारी बैंकों की सबसे बड़ी हिस्सेदारी बनी हुई है। हालांकि निजी और विदेशी बैंकों की तुलना में यह हिस्सेदारी घटी है।
सितंबर 2024 में वृद्धिशील ऋण में निजी क्षेत्र के कर्जदाताओं की हिस्सेदारी मामूली घटकर 45.5 प्रतिशत रह गई, जो सितंबर 2023 में 45.9 प्रतिशत थी। विदेशी बैंकों की हिस्सेदारी सितंबर 2023 के 0.5 प्रतिशत से कम थी जो सितंबर 2024 में बढ़कर 3.5 प्रतिशत हो गई है। मौद्रिक नीति रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर में सरकारी बैंकों का ऋण सालाना आधार पर 12.9 प्रतिशत बढ़ा है, जो निजी बैंकों के 16.4 प्रतिशत की तुलना में कम है।
इक्रा में फाइनैंशियल सेक्टर रेटिंग्स के को-ग्रुप हेड अनिल गुप्ता ने कहा कि सरकारी बैंक वित्त और आवास वित्त कंपनियों को पर्याप्त ऋण देते रहे हैं। बहरहाल उन्होंने नवंबर 2023 में नियामकीय चेतावनी और जोखिम अधिभार बढ़ने के बाद एनबीएफसी को ऋण देना कम कर दिया है।