बढ़ती महंगाई और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से पूंजी निकालने का प्रभाव बैंकों के फालो-ऑन ऑफर (एफपीओ)पर भी देखा जा सकता है।
सभी प्रमुख बैंकों ने जब अपने फॉलोऑन ऑफर जारी किए थे तो निवेशकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया था लेकिन आज इनकेदाम 50 फीसदी तक गिर गए हैं। महंगाई को काबू में करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट और नकद आरक्षित अनुपात में की गई वृध्दि से बैंकों की हालत और भी खस्ता हो गई है।
बैंकों द्वारा अपने विस्तार के लिए पूंजी जुटाने के लिए फॉलो-ऑन ऑफर जारी करने का कदम बैंकों पर उल्टा पड़ा है। इन बैंकों के शेयरों का कारोबार उनके फालो-ऑन ऑफर मूल्य से भी नीचे हो रहा है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स का फालोऑन ऑफर खरीदने वाले प्रदीप मुखर्जी अपने कदम पर पछता रहे हैं। उन्होंने 250 रुपये के ऑफर मूल्य पर ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स के 1,000 शेयर खरीदे थे लेकिन 1 जुलाई को इस बैंक के शेयर का कारोबार बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 125 रुपये पर हो रहा था।
यही हाल लगभग सभी बैंकों के फॉलोऑन ऑफर का है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 110 रुपये पर अपना फॉलोऑन इश्यू लाया था और उसके शेयर का कारोबार इस समय 100.20 रुपए पर हो रहा है। पंजाब नेशनल बैंक ने भी 390 रुपये पर अपना फॉलोऑन इश्यू जारी किया था लेकिन बैंक के शेयर का कारोबार इस समय 351 रुपये पर हो रहा है। यही हाल इलाहाबाद बैंक,आंध्रा बैंकऔर सिडिंकेट बैंक के फॉलो-ऑन ऑफर का भी है। इन सभी बैंकों के शेयरों का कारोबार उनके फॉलोऑन ऑफर से नीचे हो रहा है।
निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई बैंक के शेयर का कारोबार भी उसके फॉलोऑन ऑफर के आसपास ही हो रहा है। सिर्फ साउथ इंडियन बैंक के शेयर का कारोबार उसके फॉलो-ऑन ऑफर के मूल्य से ऊपर हो रहा है। बैंक 66 रुपये का फॉलो-ऑन ऑफर लाया था और इस समय बैंक के शेयर का कारोबार 95 रुपये पर हो रहा है।