बैंक

बैंकों और NBFC द्वारा मिस सेलिंग पर लगेगा लगाम, RBI इसे रोकने के लिए जल्द लाएगा सख्त दिशानिर्देश

केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026) के लिए अपने एजेंडे में यह बात कही है।

Published by
आतिरा वारियर   
Last Updated- May 30, 2025 | 10:35 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक के नियमन के दायरे में आने वाली संस्थाओं द्वारा वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की मिस सेलिंग को रोकने के लिए उपयुक्त दिशानिर्देश जारी किए जाने की संभावना है। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026) के लिए अपने एजेंडे में यह बात कही है। यह बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा मिस सेलिंग की चिंता के बीच आया है, जो बीमा कंपनियों और संपत्ति प्रबंधन कंपनियों के लिए बीमा पॉलिसियों, म्युचुअल फंड सहित कई उत्पाद को बेचते हैं।

Also Read: केंद्र सरकार ने NPS सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए UPS में अतिरिक्त लाभ की घोषणा की

मैक्वेरी कैपिटल के सुरेश गणपति ने कहा, ‘रिजर्व बैंक इस बात पर ध्यान देगा कि बैंक, एनबीएफसी आदि बीमा, म्युचुअल फंड उत्पाद कैसे बेच रहे हैं। रिजर्व बैंक उन पर प्रतिबंध लगा सकता है या नियमों को सख्त कर सकता है। इसका जीवन बीमा पर स्पष्ट रूप से प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि निजी जीवन बीमा कंपनियां 50 प्रतिशत कारोबार इन माध्यमों से करती हैं’

निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनियों के व्यवसाय का लगभग 50 प्रतिशत बैंकाश्योरेंस चैनल से आता है। यदि रिजर्व बैंक वित्तीय उत्पादों की बिक्री के नियमों को सख्त करता है, तो इसका असर बीमा कंपनियों के साथ-साथ बैंकों की शुल्क आय पर भी पड़ेगा।  वित्त वर्ष 2025 में रिजर्व बैंक को 2,96,000 शिकायतें मिलीं, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी अधिक हैं। अधिकांश शिकायतें बैंकों के खिलाफ थीं, उसके बाद एनबीएफसी और क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) का स्थान आता है।

First Published : May 30, 2025 | 10:29 PM IST