प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
बड़े निजी बैंकों और सरकारी बैंकों की कॉरपोरेट ऋण बुक में वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में मजबूत वृद्धि देखने को मिली। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पिछली तिमाही की आक्रामक कीमतों ने बेहतर मूल्य अनुशासन का मार्ग प्रशस्त किया। सरकारी बैंकों की कॉरपोरेट ऋण पाइपलाइन भी मजबूत बनी हुई है जबकि निजी बैंक भी आने वाली तिमाहियों में इसमें सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।
बड़े बैंकों की कॉरपोरेट ऋण पुस्तिकाओं में मजबूती उस समय आई है जब वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में ऋणदाताओं ने चेताया था कि कॉरपोरेट बैंक ऋण की बजाय वैकल्पिक स्रोतों मसलन घरेलू ऋण पूंजी बाजार, विदेशी बॉन्ड और ऋण बाजार, निजी ऋण फंड और आंतरिक आरक्षित नकदी को अपनी कार्यशील पूंजी जरूरतों के लिए अपना रहे हैं।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में घरेलू बॉन्ड बाजार से निर्गम धीमा रहा क्योंकि यील्ड में सुधार हुआ और कई प्रतिकूल घटनाएं देखने को मिलीं। इनके चलते घरेलू बॉन्ड बाजार से फन्ड जुटाया जाना कम हुआ और पहली तिमाही के 3.44 लाख करोड़ रुपये के बजाय दूसरी तिमाही में यह केवल 2.03 लाख करोड़ रुपये रहा।
देश के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी की कॉरपोरेट बुक दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 6.7 फीसदी बढ़ी। इससे भी अहम बात यह है कि इसकी सालाना आधार पर इसकी कॉरपोरेट बुक 4.7 फीसदी बढ़ी जबकि सकल ऋण 4.4 फीसदी बढ़ा। एचडीएफसी बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने कहा, ‘अगर हम पिछली चार-पांच तिमाहियों को देखें तो मामूली वृद्धि नजर आती है लेकिन इस तिमाही में हमने उच्च वृद्धि देखी। ऐसा भी समय था जब मांग थी और हमारे रिश्ते देश के अधिकांश कॉरपोरेट से थे। इसलिए हमने दूसरी तिमाही में उचित मूल्य पर कुछ लेनदेन किए। हमने अधिकांशत: कार्यशील पूंजी की फाइनैंसिंग में काम किया।’
इस बीच एक्सिस बैंक ने कॉरपोरेट ऋण बुक में सालाना आधार पर 20 फीसदी वृद्धि की बात कही। उसकी घरेलू ऋण पुस्तिका सालाना 25 फीसदी बढ़ी जबकि मझोले कॉरपोरेट क्षेत्र में सालाना 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसके चलते बैंक की समग्र ऋण वृद्धि बेहतर हुई है। एक्सिस बैंक के बैंकिंग कारोबार के कार्यकारी निदेशक सुब्रत मोहंती ने कहा, ‘हमने हमेशा उल्लेख किया है कि हम अपने अनुकूल कीमतों पर हमेशा प्रगति करेंगे। ऐसे में इस तिमाही में अवसर रहे हैं और हमें आगे भी वे अवसर मिलते रहेंगे जहां हम अपने रिश्तों का लाभ उठा सकेंगे और वृद्धि हासिल करने के क्रम में अपनी आंतरिक मूल्य निर्धारण ढांचे को संतुष्ट कर सकेंगे।’
पंजाब नैशनल बैंक ने कॉरपोरेट ऋण में सालाना 8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। बैंक की समग्र ऋण वृद्धि साल दर साल आधार पर 10.5 फीसदी रही। बैंक के एमडी और सीईओ अशोक चंद्रा ने कहा, ‘फिलहाल 1.48 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव संभावित हैं जबकि वित्त वर्ष 25 और इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में 2.68 लाख करोड़ रुपये मंजूर हो चुके हैं।’
बैंक ऑफ इंडिया ने दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 11.7 फीसदी की वृद्धि हासिल की और बैंक प्रबंधन के अनुसार 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि संभावित है।
इस बीच इंडियन ओवरसीज बैंक ने करीब 15,000 करोड़ रुपये की राशि पाइपलाइन में होने का अनुमान जताया है। ये परियोजनाएं भुगतान के विभिन्न चरणों में हैं और इन स्वीकृतियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा चालू तीसरी तिमाही के दौरान संवितरित होने की उम्मीद है।