भारतीय रिजर्व बैंक के कुल नकदी लेने के अनुपात में स्थायी जमा सुविधा (स्टैंडिंग डिपॉजिट फैसिल्टी- एसडीएफ) की हिस्सेदारी बढ़ना बैंकों के कोष की एहतियाती मांग की वृद्धि को दर्शाता है। यह जानकारी ‘स्थायी जमा सुविधा के तीन वर्ष : कुछ अंतर्दृष्टि’ रिपोर्ट में मंगलवार को दी गई। इस रिपोर्ट के लेखक भारतीय रिजर्व बैंक के स्टॉफ हैं लेकिन यह केंद्रीय बैंक का नजरिया नहीं है।
बैंकों ने इस अवधि में एसडीएफ के तहत 2.13 लाख करो़ड़ रुपये का निवेश किया और यह बीते माह के 1.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। मध्य दिसंबर 2024 से मार्च 2025 के अंत तक की अवधि में नकदी की कमी की स्थितियों और एसडीएफ के तहत कोष मुहैया करवाया गया।