आपको लोन के लिए किसी बैंक में चक्कर लगाने या उसके कर्मचारियों के पास घंटों इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है।
अब आप सिर्फ एक क्लिक से बैंक लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं। जीं हां, यह सुविधा लेकर आया है, सिंडिकेट बैंक। यह एक सार्वजनिक बैंक है और इसका मुख्यालय मणिपाल में है।
सिंडिकेट बैंक ने हाल ही में एक नई ऑनलाइन सेवा लॉन्च की है, जिसके जरिए लोन के लिए इच्छुक उपभोक्ता ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। लोन के इच्छुक किसी भी उपभोक्ता को एक निर्धारित प्रारूप में आवेदन भर कर पोस्ट करना होता है।
पोस्ट किया गया आवेदन सीधा बैंक के सेंट्रल प्रोसेसिंग सर्वर में चला जाता है। बैंक के अधिकारी त्वरित सूची पर उपभोक्ता के आवेदनों को देख सकते हैं। उपभोक्ता द्वारा भरा गया आवेदन अगर बैंक के मानदंडों के अनुरूप हुआ, तो बैंक के अधिकारी संबंधित आवेदक को बातचीत के लिए बुला सकते हैं।
दरअसल, यह व्यवस्था छोटे और मझोले उद्योगों (एसएमई) को ऋण मुहैया कराने के लिए लॉन्च की गई है। लेकिन अब यह सेवा छात्रों, व्यवसायियों, कर्मचारियों, कारोबारियों, उद्योगपतियों और कृषकों को भी मुहैया कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि देश के कुछ निजी क्षेत्र के बैंकों में 80 फीसदी का लेन-देन डॉयरेक्ट चैनलों के जरिए ही किया जाता है। यहां डॉयरेक्ट चैनल का मतलब टेलीफोन, इंटरनेट, एटीएम और मोबाइल फोन से है।
आईसीआईसीआई बैंक में 85 फीसदी लेने-देन डॉयरेक्ट बैंकिंग चैनल के जरिए किया जाता है। आईसीआईसीआई बैंक के कार्यकारी निदेशक (रिटेल बैंकिंग) वी. विद्यानाथन ने बताया, ‘जब हमलोगों ने मोबाइल बैंकिंग को लॉन्च किया, तो शुरुआती साल में ही करीब 7 लाख उपभोक्ताओं ने इसके लिए अपने आप को रजिस्टर करवाया था।
शुरुआत में उपभोक्ता मोबाइल का इस्तेमाल खाता की स्थिति की जानकारी लेने के लिए करते थे। लेकिन धीरे-धीरे अब उपभोक्ता बचत खाता और लोन खाता संबंधी स्टेटमेंट भी प्राप्त कर रहे हैं।’ हाल ही में, एचडीएफसी बैंक ने एनजीपे के साथ गठजोड़ किया है ताकि उपभोक्ताओं को किसी भी एचडीएफसी बैंक या फिर गैर-एचडीएफसी बैंक के खाताधारकों को पैसे का ट्रांसफर किया जा सके।
यस बैंक के कॉर्पोरेट डेवेलपमेंट एंड स्ट्रेटिजी, टेक्नोलॉजी एंड ऑपरेशन के उपाध्यक्ष अभिषेक आनंद भगत ने बताया, ‘नई तकनीक के आगमन से तकनीकी जगत में गुणात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। बैंकिंग क्षेत्र में परंपरागत तरीकों में बहुत बदलाव आया है। बैंकिंग सेक्टर में बदलाव का एक खास कारण फाइनैंशियल इंस्टीटयूशन और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं में बेहतर रिश्तों का होना भी हैं।’
बहरहाल, अब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भी तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि उपभोक्ताओं द्वारा एलआईसी इंश्योरेंस प्रीमियम को एसएमएम के जरिए जमा कराने के लिए कार्पोरेशन बैंक ने मुंबई स्थित पेमेट से गठजोड़ किया है। केनरा बैंक अब गैर-बैंकिंग सेवाएं, उदाहरण के लिए रेलवे टिकट की बुकिंग, उत्पाद एवं सेवा कर को जमा कराने आदि सेवाएं मुहैया करवा रहा है।
मोबाइल बैंकिंग क्षेत्र में आपार अवसरों को देखते हुए कुछ ग्लोबल हैंडसेट निर्माता मोबाइल बैंकिंग उपायों में आमूलचूल परिवर्तन लाना चाहते हैं। मोटोरोला, मोबाइल कॉमर्स एवं लोकेशन बेस्ड सर्विस, मोबाइल डिवाइस के मार्केट डेवेलपमेंट मैनेजर रवीन गुप्ता ने बताया, ‘भारत में जल्द ही मोबाइल बैंकिंग सावतें आसमान पर पहुंचने वाली है। इस सेवा को लॉन्च करने के लिए हम पार्टनर की तलाश कर रहे हैं।’