facebookmetapixel
Delhi Weather Update: दिल्लीवासियों के लिए खतरनाक हवा, AQI अभी भी गंभीर स्तर परLadki Bahin Yojana: इस राज्य की महिलाओं के लिए अलर्ट! 18 नवंबर तक कराएं e-KYC, तभी मिलेंगे हर महीने ₹1500ट्रेडिंग नियम तोड़ने पर पूर्व फेड गवर्नर Adriana Kugler ने दिया इस्तीफाNPS में शामिल होने का नया नियम: अब कॉर्पोरेट पेंशन के विकल्प के लिए आपसी सहमति जरूरीएशिया-पैसिफिक में 19,560 नए विमानों की मांग, इसमें भारत-चीन की बड़ी भूमिका: एयरबसअमेरिकी टैरिफ के 50% होने के बाद भारतीय खिलौना निर्यातकों पर बढ़ा दबाव, नए ऑर्डरों की थमी रफ्तारसुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने किया साफ: आधार सिर्फ पहचान के लिए है, नागरिकता साबित करने के लिए नहींBihar चुनाव के बाद लालू परिवार में भूचाल, बेटी रोहिणी ने राजनीति और परिवार दोनों को कहा ‘अलविदा’1250% का तगड़ा डिविडेंड! अंडरवियर बनाने वाली कंपनी ने निवेशकों पर लुटाया प्यार, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते₹4 करोड़ कम, लेकिन RR चुना! जानिए क्यों Jadeja ने CSK को कहा अलविदा

महंगाई दर में स्थाई गिरावट को लेकर आश्वस्त नहीं : पात्र

Last Updated- December 11, 2022 | 4:15 PM IST

 अप्रैल में 7.8 प्रतिशत की तुलना में प्रमुख खुदरा महंगाई दर घटती नजर आ रही है, वहीं केंद्रीय बैंक माइकल पात्र में टिकाऊ कमी पर आश्वस्त होने को लेकर अभी और आंकड़ों का इंतजार कर रहा है। 
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्र ने कहा, ‘जिंसों के अंतरराष्ट्रीय दाम में कुछ कमी आई है और आपूर्ति श्रृंखला का दबाव घटा है। वैश्विक और घरेलू दोनों स्तर पर यह सकारात्मक प्रगति है। वहीं महंगाई ऊपर जाने का जोखिम भी बना हुआ है, क्योंकि इनपुट लागत महंगा होने का असर पड़ने को लेकर दबाव है।’ पात्र ने 24 अगस्त को नई दिल्ली में आयोजित सार्कफाइनैंस सेमीनार को संबोधित करते हुए यह कहा।
एक चैनल के साथ साक्षात्कार में 23 अगस्त को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक के आकलन के मुताबिक महंगाई दर चरम पर पहुंच चुकी है और अब आगे इसमें कमी आने की संभावना है। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। रिजर्व बैंक कवायद कर रहा है कि महंगाई दर 2 से 6 प्रतिशत की सीमा के भीतर रहे, जिसमें 4 प्रतिशत महंगाई रखने का मध्यावधि लक्ष्य तय किया गया है।
जुलाई में सीपीआई महंगाई 6.7 प्रतिशत थी। पिछले 4 महीने में पहली बार ऐसा हुआ, जब महंगाई दर 7 प्रतिशत के नीचे आई है। पात्रा के मुताबिक कम अवधि के हिसाब से महंगाई का अनुमान वैश्विक भूराजनीति स्थिति, जिंस के अंतरराष्ट्रीय बाजार की चाल और वैश्विक वित्तीय बाजारों में होने वाली प्रगति पर बहुत ज्यादा निर्भर है। पात्रा ने कहा, ‘मौजूदा मोड़ पर हमारा अनुभव है कि मौद्रिक नीति संबंधी कार्रवाई महंगाई दर के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रही है।’ उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति की विश्वसनीयता का एक पहलू प्रतिक्रिया देने का वक्त है। मौद्रिक नीति की प्रतिक्रिया में देरी होने से विश्वनीयता में और कमी आएगी और महंगाई दर की उम्मीदें पीछे छूट जाएंगी। साथ ही ज्यादा महंगाई के साथ वृद्धि दर को भी कुर्बान करना होगा।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने मई के बाद से कुल मिलाकर रीपो रेट में 140 आधार अंक की बढ़ोतरी की है. नीतिगत दर महामारी के दौरान 4 प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर थी, जो इस समय 5.40 प्रतिशत है। फरवरी के आखिर में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद भारत की महंगाई दर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई, क्योंकि इस टकराव के कारण जिंसों के वैश्विक दाम में तेजी आई है। अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी से डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई और इससे महंगाई का दबाव बढ़ा। आयात प्रमुख रूप से डॉलर में होता है और डॉलर मजबूत होने से आयात महंगा हो गया। 2022 में अब तक घरेलू मुद्रा में करीब 7 प्रतिशत गिरावट आई है। 19 जुलाई को डॉलर के मुकाबले रुपया 80.06 पर पहुंच गया था, जो ऐतिहासिक निचला स्तर था।
 

First Published - August 26, 2022 | 11:30 PM IST

संबंधित पोस्ट