रियल एस्टेट क्षेत्र में फंसे ऋण (एनपीए) स्थिर होने से पहले अल्पावधि में बढ़ेंगे। यह बात गुरुवार को एचडीएफसी के वाइस-चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री ने कही।
मिस्त्री ने उद्योग की संस्थाओं नारेडको (नैशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल) और एशिया पैसिफिक रियल एस्टेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित वेबिनार में कहा, ‘रियल एस्टेट में एनपीए एक या दो तिमाही में बढ़ेंगे, लेकिन तीन से चार तिमाहियों में स्थिर हो जाएंगे।’
मिस्त्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से घोषित पुनर्गठन से सभी डेवलपरों को मदद नहीं मिलेगी क्योंकि बहुत से डेवलपरों के इससे जुड़ी शर्तें पूरी नहीं कर पाने के आसार हैं।
उन्होंने ब्याज दरों को लेकर कहा कि अनुकूल ब्याज दरों का दौर अगले छह से 12 में बरकरार रहेगा। उन्होंने कहा, ‘इस समय ब्याज दरें पिछले चार दशक के सबसे निचले स्तर पर हैं। पिछले कई वर्षों में पहली बार परिसंपत्ति की कीमतें बढ़ी हैं।’ मिस्त्री ने कहा कि इस समय बाजार मजबूत प्रॉपर्टी डेवलपरों और कमजोर डेवलपरों में विभेद कर रहे हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2017 या 2018 में एएए डेवलपरों और एए डेवलपरों को मुहैया कराई जाने वाली ब्याज दरों के बीच अंतर सीमित था, लेकिन आज यह डेवलपरों की साख पर निर्भर करता है।’ उन्होंने कहा कि कुछ डेवलपरों को अत्यधिक आपूर्ति आदि को लेकर विश्लेषकों की रिपोर्ट या मीडिया रिपोर्ट से बदनामी मिली है। उन्होंने कहा, ‘अगर कमजोर डेवलपर अपना कर्ज कम नहीं करेंगे तो उनके लिए पैसा जुटाना मुश्किल होगा।’
मिस्त्री ने कहा कि आवासीय परिसंपत्तियों के लिए मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘लोग यह मानने लगे हैं कि यह खरीद का सबसे बेहतर समय है। ब्याज दरें अब तक के सबसे निचले स्तर पर हैं। कीमतों में इजाफा नहीं हुआ है।’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने स्टांप शुल्क कम करने का कदम उठाया है, जिससे आवासीय परिसंपत्तियों की बिक्री बढ़ाने में मदद मिली है।
