निजी क्षेत्र के ऋणदाता आईसीआईसीआई बैंक ने बुधवार को कहा कि उसका मॉर्गेज ऋण पोर्टफोलियो 2 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है और इसके साथ वह देश में यह उपलब्धि हासिल करने वाला निजी क्षेत्र का पहला बैंक बन गया है। वर्ष 2016 में बैंक ने अपने गिरवी ऋण पोर्टफोलियो में 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया था।
बैंक ने कहा है कि सितंबर के दौरान गिरवी ऋण वितरण सर्वाधिक ऊंचाई पर रहा था, और यह कोविड-पूर्व स्तरों को पार कर गया था। इसी तरह के रुझान के साथ बैंक ने अक्टूबर में मॉर्गेज पोर्टफोलियो में सर्वाधिक वितरण दर्ज किया। बैंक के पास आए ग्राहकों की संख्या और वैल्यू संदर्भ में वितरण, दोनों के संदर्भ में, आईसीआईसीआई बैंक ने सर्वाधिक ऋण वितरण दर्ज किया है। आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंधन का कहना है कि बैंक चार साल से कम समय में अपने मॉर्गेज ऋण पोर्टफोलियो में अन्य एक लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद कर रहा है। मॉर्गेज प्रक्रिया के डिजिटलीकरण के साथ साथ ऋण मुहैया कराने के लिए बिग डेटा एनालिटिक्स के इस्तेमाल से भी पोर्टफोलियो में मजबूती आई है और बैंक द्वारा करीब एक-तिहाई नए आवास ऋण डिजिटल तौर पर वितरित किए गए हैं। बैंक का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में अपने मॉर्गेज ऋणों में डिजिटल प्रक्रिया का योगदान बढ़ाकर 75 प्रतिशत करना है। इसके अलावा, आकर्षक ब्याज दरों, कम संपत्ति कीमतों, और कई राज्यों में स्टांप शुल्क में कमी जैसे कारकों से भी ग्राहकों को मदद मिली है।
आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) ने पुराने ऋणों पर ब्याज दरें नहीं घटाई हैं, इसलिए एचएफसी से बैंकों के पास ऋण स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में तेजी आई है जिससे मॉर्गेज ऋण पोर्टफोलियो में भी इजाफा हुआ है।
बैंक ने महानगरों से बाहर भी अपने कारोबार का विस्तार किया है। आईसीआईसीआई बैंक के कार्यकारी निदेशक अनूप बागची ने कहा, ‘खासकर किफायती खंड में रियल एस्टेट के लिए मांग में तेजी सुधार की संभावना को देखते हुए हमने अपनी उपस्थिति में इजाफा किया है। अब हम 1,100 स्थानों पर मौजूद हैं, जिनमें टियर 2, 3 और 4 शहरों के साथ साथ महानगरों के बाहरी इलाके भी शामिल हैं।’ इसके अलावा बैंक ने पिछले दो वर्षों में अपने ऋण प्रसंस्करण केंद्रों की संख्या में भी अच्छा इजाफा किया है।
