कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की ऊंची दर बैंकों के परिचालन (ऑपरेशन) के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी कर सकती है। इससे ग्राहक सेवाओं में व्यवधान आने के साथ ही बैंकों में आचार-व्यवहार से जुड़े विषयों पर भी असर हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्ननर एम के जैन ने यह बात कही। जैन ने कहा कि इन जोखिमों से बैंकों की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। जैन ने सोमवार को बैंकों के निदेशक मंडल के सदस्यों को संबोधन में इन चुनौतियों का जिक्र किया।
उन्होंने जिन जोखिमों का जिक्र किया उनमें कर्मचारियों की नौकरी छोड़ने की ऊंची दर, खाली पदों पर लोगों को रखने की योजना का अभाव (खासकर महत्त्वपूर्ण पदों के लिए), कर्मचारियों के कौशल विकास से जुड़ी चिंताएं एवं आउटसोर्सिंग शामिल हैं।
जैन ने कहा कि कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने और किसी खास अवधि में अधिक संख्या में लोगों के निकलने से संस्थागत ज्ञान (institutional knowledge) की हानि होती है और इससे नए लोगों की भर्ती करने पर आने वाली लागत बढ़ती है।
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उन्होंने कहा कि बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके कर्मचारियों के पास आवश्यक हुनर हैं और नई तकनीक एवं नए कारोबारी व्यवहारों के साथ तालमेल बैठाने के लिए आवश्यक कौशल एवं ज्ञान रखते हैं।