निजी क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक मार्केट कैपिटेलाइजेशन के मामले में देश के अग्रणी निजी क्षेत्र के बैंक आईसीआईसीआई बैंक को पछाड़ इस क्षेत्र की नंबर वन बैंक बन गई है।
हालांकि सभी बैंकों में सरकारी क्षेत्र के स्टैट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की बादशाहत बरकरार है जिसका मार्केट कैपिटेलाइजेशन 73413.71 करोड़ रुपये है। ज्ञातव्य है कि आईसीआईसीआई बैंक 2002 में डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीटयुशन आईसीआईसीआई में विलय किया था इसके बाद 16 दिसंबर 2005 को वह एसबीआई को पछाड़कर सबसे अधिक एम कैप वाली बैंक बन गई थी।
उसने अपना नंबर वन का तमंगा 25 जनवरी 2008 तक बरकरार रखा था जब एसबीआई ने राइट इश्यू जारी कर फिर से सबसे अधिक एम कैप वाली कंपनी बन गई थी। सितंबर मध्य से अब तक आईसीआईसीआई के शेयर 45 फीसदी तक गिर चुके हैं।
इसकी सबसे बड़ी वजह बाजार इसी समयावधि में एचडीएफसी के शेयर सिर्फ 17 फीसदी ही गिरे। वास्तव में 10 अक्टूबर को ही एचडीएफसी एम कैप के लिहाज से आईसीआईसीआई बैंक को पीछे छोड़ चुकी थी, लेकिन बाद में पिछड़ गई थी। कल उसने यह फिर वह स्थान हासिल कर लिया।
बैंक का यह स्थान आज भी बरकरार रहा। अदेश की दो सबसे बड़ी प्राइवेट बैंकों की मार्केट कैप के लिहाज से रैंकिंग में हुआ यह दोनों की विकास की रणनीति में संकट का सामना करने की रणनीति में व्याप्त अंतर की बात कहती है। आईसीआईसीआई बैंक ने अपने लोन पोर्टफोलियो को आक्रमक ढंग से बढ़ाने पर जोर दिया और।
दूसरी ओर एचडीएफसी का हमेशा से जोर आकार के आधार पर गुणवत्ता वाले पोर्टफोलियो पर रहा। इस बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने बताया कि उनकी बैंक ने हमेशा मध्यम और उच्च मध्यम वर्ग पर ही ध्यान केंद्रित किया है। अब खुद आईसीआईसीआई बैंक भी कर्ज देने की राह में धीमी चलना चाहती है। उसने रिटेल एडवांस के लक्ष्य दो अंकों से अब घटाकर पांच फीसदी किया गया है।
इस साल मार्केट कैप में परिवर्तन
8 जनवरी 2008 24 अक्टूबर, 2008
आईसीआईसीआई बैंक 148466.56 34514.16
एचडीएफसी बैंक 72961.63 41348.12
राशि करोड़ रुपये में