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बैंकों का सकल एनपीए 6 प्रतिशत से नीचे आया

Last Updated- December 11, 2022 | 6:12 PM IST

बैंकिंग क्षेत्र की सकल गैर निष्पादित संपत्तियां (एनपीए) गिरकर मार्च 2022 में 6 प्रतिशत के नीचे आ गई हैं। यह 2016 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इसके साथ ही शुद्ध एनपीए इस अवधि के दौरान गिरकर 1.7 प्रतिशत रह गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर ने आज कहा कि इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि अब तक बैंकिंग क्षेत्र कोविड-19 के दुष्प्रभाव से व्यापक तौर पर अप्रभावित है।
उन्होंने कहा कि यह भी आकलन करना अहम है कि संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार का दायरा व्यापक है, या सिर्फ फॉरबियरेंस की वजह से ऐसा हुआ है। राव ने कहा, ‘बैंकिंग क्षेत्र के शुरुआती आकलन से इस क्षेत्र की सेहत उत्साहजनक नजर आ रही है।’
उन्होंने कहा, ‘बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता सुधरी है। बैंकों का सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए महामारी के पहले के स्तर से सुधरा है। नई चूक व्यापक तौर पर नियंत्रण में लाई गई है। बैंकों ने अपने प्रावधान मजबूत किए हैं, जिसमें पुनर्गठित खातों के प्रावधान भी शामिल हैं।’
भारत के बैंकों की संपत्ति की गुणत्ता पिछले दशक के शुरुआत में गिरनी शुरू हुई, जो मार्च 2018 में चरम पर पहुंच गई और सकल एनपीए कुल कर्ज का 11.5 प्रतिशत हो गया। उसके बाद से बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता सुधर रही है।
 पिछले एक साल के दौरान भी खराब कर्ज की स्थिति में सुधार हुआ है। अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल एनपीए मार्च 2021 में 7.3 प्रतिशत था और सितंबर 2021 में 6.9 प्रतिशत था।
बैंकिंग क्षेत्र की संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार पर भरोसा करते हुए राव ने यह भी चेतावनी दी कि उद्योग जगत को अपने विवेक का प्रदर्शन करना होगा और यह पता लगाना होगा कि क्या संपत्ति की गुणवत्ता कारोबार की बुनियादी धारणाओं में सुधार के साथ मौजूदा स्तर पर बनाए रखी जा सकती है।

First Published - June 17, 2022 | 12:23 AM IST

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