facebookmetapixel
Delhi Blast: रेड फोर्ट धमाके के बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन हुआ फिर से चालूCoal Import: त्योहारी सीजन से पहले कोयले का आयात बढ़ा, 13.5% की छलांगMCap: टॉप 8 कंपनियों का मार्केट कैप ₹2.05 ट्रिलियन बढ़ा; Airtel-RIL चमकेDelhi Weather Update: दिल्लीवासियों के लिए खतरनाक हवा, AQI अभी भी गंभीर स्तर परLadki Bahin Yojana: इस राज्य की महिलाओं के लिए अलर्ट! 18 नवंबर तक कराएं e-KYC, तभी मिलेंगे हर महीने ₹1500ट्रेडिंग नियम तोड़ने पर पूर्व फेड गवर्नर Adriana Kugler ने दिया इस्तीफाNPS में शामिल होने का नया नियम: अब कॉर्पोरेट पेंशन के विकल्प के लिए आपसी सहमति जरूरीएशिया-पैसिफिक में 19,560 नए विमानों की मांग, इसमें भारत-चीन की बड़ी भूमिका: एयरबसअमेरिकी टैरिफ के 50% होने के बाद भारतीय खिलौना निर्यातकों पर बढ़ा दबाव, नए ऑर्डरों की थमी रफ्तारसुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने किया साफ: आधार सिर्फ पहचान के लिए है, नागरिकता साबित करने के लिए नहीं

क्रिप्टोकरेंसी पर सर्वसम्मति चाहता है एफएसडीसी

Last Updated- December 11, 2022 | 3:31 PM IST

वित्तीय स्थायित्व एवं विकास परिषद की बैठक में इस बात पर विस्तार से विमर्श किया गया कि क्रिप्टो को कानूनी मान्यता दी जाए या उन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए 
क्रिप्टो संपत्तियों के लिए कानूनों की स्थिति जल्द ही अधिक स्पष्ट हो सकती है। वित्तीय स्थायित्व एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की पिछली बैठक में सदस्यों को संकेत दिया गया कि क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर सर्वसम्मति एकदम स्पष्ट होनी चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि नियामकों को यह काम बेहद तेजी के साथ करना होगा।
परिषद की गुरुवार की बैठक में हुई चर्चा की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि इस बात पर विस्तार से विमर्श किया गया कि क्रिप्टो को कानूनी मान्यता दी जाए या उन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया, ‘परिषद की बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई, उनमें क्रिप्टो संपत्तियों की स्थिति प्रमुख थी। परिषद की राय थी कि इस बारे में सभी तरह के भ्रम जल्द ही दूर होने चाहिए।’
चर्चा की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों में से एक ने कहा, ‘दो प्रमुख मसलों पर चर्चा की गई। पहला मसला यह था कि क्या क्रिप्टो पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाए और दूसरा मुद्दा था कि यदि इन संपत्तियों को वैधता प्रदान की जाती है तो इनका नियामक कौन होगा।’
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस बारे में आए विभिन्न सुझावों पर भी बातचीत हो रही है। इन सुझावों में कई विकल्प बताए गए हैं, जिनमें निजी क्रिप्टो संपत्तियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना, आंशिक रोक लगाना, सभी प्रकार की क्रिप्टो संपत्तियों को नियमों के साथ इजाजत देना अथवा कुछ को कायदों के साथ मंजूरी देना शामिब हैं।
पता चला है कि वित्तीय क्षेत्र के नियामकों और वरिष्ठ अधिकारियों की शिरकत वाली इस उच्च स्तरीय बैठक में इस फैसले को तेजी से अमल में लाने की बात कही गई। साथ ही वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं होने पर चिंता भी जताई गई। 
एफएटीएफ के मानक सुनिश्चित करते  हैं कि संगठित अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद को रोकने के लिए समन्वित वैश्विक प्रयास हों। ऐसे अपराधों से तैयार होने वाले धन का पता लगाने में भी अधिकारियों को इन मानकों से मदद मिलती है।
अन्य तमाम देशों की तरह भारत फिलहाल क्रिप्टो परिसंप​त्तियों पर एफएटीएफ अनुपालन के लिए बाध्य नहीं है। एफएटीएफ के तहत देशों को क्रिप्टो परिसंप​त्तियों को वैध करने अथवा उसे प्रतिबं​धित करने के मामले में रुख स्पष्ट करना आवश्यक है। सरकारी विभागों के बीच इस मुद्दे पर मतभेद है कि क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगाई जानी चाहिए अथवा नहीं। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टो परिसंप​त्तियों में मौजूद जो​खिम को देखते हुए उसे पूरी तरह प्रतिबं​धित करने के पक्ष में है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने हाल में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टेलीना जॉजीवा के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में भी यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को नियमित करने के मामले मेंआईएमएफ को अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए ताकि वै​श्विक स्तर पर इसके लिए एक सम​न्वित दृ​ष्टिकोण सुनि​श्चित हो सके। वित्त मंत्री ने इस संबंध में ट्वीट भी किया था।
अप्रैल में आईएमएफ और विश्व बैंक की बैठक के दौरान सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक वै​श्विक ढांचा तैयार करने पर जोर दिया था। हालांकि उन्होंने आतंवादियों के वित्त पोषण एवं काले धन को सफेद किए जाने से संबंधित जो​खिमों को भी उजागर किया था।

First Published - September 16, 2022 | 10:18 PM IST

संबंधित पोस्ट