फिच रेटिंग ने आज सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों की रेटिंग की पुष्टि की जिनमें भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। रेटिंग एजेंसी ने लेनदारों के लिए इश्यूअर डिफॉल्ट रेटिंग्स (आईडीआर) को ‘बीबीबी’ रखा।
रेटिंग एजेंसी ने रेटिंग पर नकारात्मक परिदृश्य को बरकरार रखा है। यह भारत की ‘बीबीबी’ सॉवरिन रेटिंग को प्रतिबिंबित करता है जिसे 18 जून, 2020 को स्थिर से नकारात्मक में बदल दिया गया था। भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोनावायरस के बड़ते प्रभाव के मद्देनजर यह संशोधन किया गया था। रेटिंग एजेंसी ने निजी क्षेत्र के ऋणदाता आईडीबीआई बैंक की व्यवहार्यता रेटिंग (वीआर) को भी ‘सीसीसी’ से बढ़ाकर ‘सीसीसी प्लस’ कर दिया है। वीआर को मुख्य तौर पर बेहतर पूंजीकरण और ऊंचे ऋण नुकसान कवरेज के मद्देनजर अपग्रेड किया गया है। यह परिसंपत्ति गुणवत्ता पर संभावित दबाव के मुकाबले बफर में कुछ लचीलापन प्रदान करता है। यह चालू वित्त वर्ष के दौरान अधिक ताजा पूंजी की संभावना को भी दर्शाता है।
परिचालन परिदृश्य के बारे में फिच ने कहा कि यह मई 2020 से लॉकडाउन को धीरे-धीरे खोले जोने के बाद आर्थिक गतिविधियों में सुधार के बावजूद भारतीय बैंकों के लिए चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। फिच मानना है कि भारत का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) मार्च 2021 में समाप्त वित्त वर्ष में 10.5 फीसदी घट जाएगा। लेकिन उसने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2022 में भारत की वास्तविक जीडीपी 11 फीसदी तक पहुंच जाएगी।
