कोविड-19 महामारी से पैदा हुई आर्थिक मंदी से बैंकिंग क्षेत्र की परिसंपत्ति गुणवत्ता पर दबाव पडऩे की आशंका गहरा गई है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अनुमान व्यक्त किया है कि कर्जदारों के पास नकदी प्रवाह की अस्थिरता की वजह से इस क्षेत्र में चूक की दर चालू वित्त वर्ष में 50-250 आधार अंक के बीच बढ़ सकती है।
हालांकि आरबीआई द्वारा घोषित एकमुश्त पुनर्गठन से कुछ हद तक दर्ज सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (जीएनपीए) में तेज वृद्घि की रफ्तार सीमित होगी, लेकिन मौजूदा चुनौतियां बरकरार रहेंगी। हालांकि संग्रह क्षमता में महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के शुरुआती दिनों के मुकाबले काफी सुधार आया है, लेकिन महामारी से पहले जैसे स्तरों पर पहुंचने में अभी समय लगेगा।