भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के सदस्य जयंत आर वर्मा ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि के लिहाज से सबसे बड़ा जोखिम भू-राजनीतिक संकट का बढ़ना है।
महंगाई बढ़ने की संभावना कम ही दिख रही है। उच्च मुद्रास्फीति निश्चित रूप से देश में ‘मानक’ नहीं बनेगी। उन्होंने कई कारणों का हवाला देते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर सतर्कता के साथ सकरात्मक उम्मीद जताई हैं। उन्होंने कहा, ‘एमपीसी जितनी जल्दी हो सके, महंगाई दर को चार फीसदी के लक्ष्य के करीब लाने के लिए प्रयास करेगी।
रिजर्व बैंक ने अगस्त में अपनी एमपीसी बैठक में मुद्रास्फीति को कम करने के लिए रीपो दर को 0.50 फीसदी बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया था। एमपीसी सदस्य ने कहा, ‘आखिरकार मुद्रास्फीति और इसको लेकर जो आशंकाएं थीं। वह भी कम होती दिख रही हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख बाधाओं में से एक को कम करेगा।’
उन्होंने घरेलू अर्थव्यवस्था की चुनौतियों को लेकर कहा कि वैश्विक स्तर पर वर्तमान स्थिति में देश का निर्यात उतना उत्साहजनक नहीं होगा, जितना पहले था।