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ई-नीलामी से बैंकों को राहत, बैंकनेट के जरिये वसूली में 3 गुना इजाफा

ई-नीलामी से तीन गुना बढ़ी वसूली, बैंकनेट बना एनपीए निपटारे का नया हथियार

Last Updated- July 26, 2025 | 9:52 AM IST
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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के पुनर्गठित संपत्ति ई-नीलामी प्लेटफॉर्म बैंकनेट ने ऋणदाताओं को फंसी संपत्तियों की वसूली बढ़ाने में मदद की है। नया पोर्टल पिछले साल 1 जुलाई से काम कर रहा है।

औसत वार्षिक सफल बोली मूल्य इस वर्ष जून तक 12 महीने की अवधि के दौरान बढ़कर 15,731 करोड़ रुपये हो गया, जबकि जून 2024 तक पिछले 12 महीने की इसी अवधि के दौरान पिछले ई-विक्रय पोर्टल के माध्यम से केवल 5,267 करोड़ रुपये की सफल बोली मिली थी।

सभी 12 राष्ट्रीय ऋणदाता और भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) देश भर में गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) को सूचीबद्ध करने और निपटाने के लिए बैंकनेट का उपयोग कर रहे हैं।

यूको बैंक के प्रबंध निदेशक  और मुख्य कार्याधिकारी अश्वनी कुमार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा कि बैंकनेट से बड़ी मदद मिल रही है और हाल ही में बैंक ने प्लेटफॉर्म के माध्यम से 200 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों की सफलतापूर्वक नीलामी की है। उन्होंने कहा, ‘पिछली व्यवस्था की तुलना में अधिक स्पष्टता मिली है। इसमें संपत्तियों की तस्वीरें और वीडियो अपलोड करने की क्षमता है, जो खरीदारों के लिए पारदर्शिता बढ़ाती है। इससे बड़ा बदलाव आया है। दिलचस्प है कि कुछ मामलों में, एक बार जब हम पोर्टल पर चूक करने वालों का विवरण सूचीबद्ध करते हैं, तो वे एकमुश्त निपटान के लिए हमसे संपर्क करते हैं और अधिक समय का अनुरोध करते हैं, जिससे निपटान की ओर अधिक झुकाव होता है।’

ज्यादातर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 1 जुलाई 2024 से बैंकनेट काम करने लगा था, लेकिन औपचारिक रूप से इससे जनवरी 2025 में पेश  किया गया। पहले की संपत्ति की  ई-नीलामी के पोर्टल

ई-बिक्रय को फरवरी 2019 में पेश किया गया था, जो बैंक की मालिकाना वाली संपत्तियों को बिक्री के लिए डालने की केंद्रीकृत व्यवस्था बनी थी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि नए प्लेटफॉर्म से नीलामी की सफलता दर बढ़कर 14.7 प्रतिशत हो गई है, जो पहले की व्यवस्था में 9
प्रतिशत थी।

1 जुलाई, 2024 से 10 जून, 2025 के बीच 1,24,798 नीलामी आयोजित की गईं। इनमें 18,361 नीलामियां सफल रहीं। बैंक ऑफ बड़ौदा में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच सफलता दर सबसे अधिक 44.86 प्रतिशत दर्ज की गई और वसूल की गई राशि 3,900 करोड़ रुपये से अधिक रही। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘ई-नीलामी तंत्र में बदलाव और प्रक्रिया में आई पारदर्शिता ने न केवल अधिक से अधिक बोलीदाताओं को आकर्षित किया, बल्कि इससे बेहतर मूल्य भी मिला है।’ यह अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म संपत्ति सूचीबद्धता और ई-नीलामी के लिए बेहद कारगर रहा है, जिसे विशेष रूप से बैंकों और ऋण संस्थानों के लिए सफलतापूर्वक संपत्ति नीलामियों के माध्यम से गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) ऋण वसूलने के लिए तैयार किया गया है।

यह प्लेटफॉर्म एक पारदर्शी और सुरक्षित नीलामी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए स्वचालित केवाईसी टूल और सुरक्षित भुगतान गेटवे को एक साथ जोड़ता है। यह व्यापक संपत्ति सूचीबद्धता की सुविधा भी देता है, जिसमें देश भर में सभी प्रकार की संपत्तियों के लिए संपत्ति खोज से लेकर बिक्री तक की पूरी प्रक्रिया शामिल है, जबकि इसका सरलीकृत नेविगेशन संपत्ति खोज और नीलामियों को उपयोगकर्ता के अनुकूल और सुलभ बनाता है। स्मार्ट नीलामी तंत्र के साथ सूचीबद्ध संपत्तियों के लिए उचित और अधिकतम मूल्य सुनिश्चित करने वाला यह प्लेटफॉर्म पारदर्शिता, दक्षता और हितधारक को विश्वास की गारंटी देता है। इसके अतिरिक्त सभी संपत्तियां बैंक से सत्यापित हैं। इससे नीलामी प्रक्रिया के दौरान प्रामाणिकता और विश्वसनीयता बढ़ती है।

लेकिन नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ बैंकिंग अधिकारी ने कहा कि एनपीए वसूलने के काम में और तेजी लाने की जरूरत है। वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को इस दिशा में प्रयास तेज करने का निर्देश दिया है।

वर्तमान में, बैंकनेट पोर्टल पर नीलामी के लिए 4904 आवासीय, 671 वाणिज्य, 352 औद्योगिक और 551 अन्य के साथ-साथ 48 कृषि भूमि जैसी संपत्तियां उपलब्ध हैं।

First Published - July 26, 2025 | 9:52 AM IST

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