एचडीएफसी बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र समेत चार वाणिज्यिक बैंकों ने दिसंबर तिमाही (वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही) में सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत और 23 प्रतिशत तक की ऋण वृद्धि दर्ज की है। सितंबर 2021 के दौरान क्रमिक वृद्धि 4.27 प्रतिशत और 12 प्रतिशत के बीच रही। इस स्तर से नीचे की ऋण वृद्धि के साथ निजी ऋणदाता येस बैंक एक अपवाद रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार देश में वाणिज्यिक बैंकों ने एक समूह के तौर पर दिसंबर 2021 के मध्य तक सालाना आधार पर 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। देश के सबसे बड़े निजी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक का ऋण बाहीखाता 31 दिसंबर, 2021 तक सालाना आधार पर 16.4 प्रतिशत बढ़कर 12.6 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 10.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।
क्रमिक रूप से इसकी अग्रिम राशि सितंबर 2020 (वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही) में 11.98 अरब रुपये से 5.1 प्रतिशत तक बढ़ी। एचडीएफसी बैंक के खुदरा ऋण में सालाना आधार पर लगभग 13.5 प्रतिशत और सितंबर 2021 में 4.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ। यह इसके आंतरिक व्यापार वर्गीकरण के आधार पर है।
सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 31 दिसंबर, 2021 तक सालाना आधार पर ऋण में 23.02 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो बढ़कर 1.29 लाख करोड़ रुपये हो गया। क्रमिक रूप से इसकी अग्रिम राशि सितंबर 2021 में 1.15 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गई।
बंधन बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही के अंत में उसका ऋण और अग्रिम सालाना आधार पर 11 प्रतिशत तक बढ़कर 89,213 करोड़ रुपये हो गया तथा क्रमिक रूप से इनमें सितंबर 2021 के दौरान 81,661 करोड़ से नौ प्रतिशत का इजाफा हुआ।
आईडीएफसी फस्र्ट बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 22 की तीसरी तिमाही के आखिर में उसका ऋण सालाना आधार पर 10.7 प्रतिशत बढ़कर 1,22,289 करोड़ रुपये हो गया।