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CD issuances: नकदी की उपलब्धता बढ़ी तो अप्रैल में जमा प्रमाणपत्र जारी करने में आई गिरावट

वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में बैंकों ने सर्वाधिक 3.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जबकि तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 2.5 लाख करोड़ रुपये था।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- April 22, 2024 | 9:42 PM IST

अप्रैल में नकदी की उपलब्धता बढ़ने के बाद जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करने में भारी गिरावट आई है। नतीजतन, दरों में भी करीब 40 आधार अंकों की गिरावट आई। मार्च में कुल 1.2 लाख करोड़ रुपये के जमा प्रमाणपत्र जारी होने की तुलना में 21 अप्रैल तक यह सिर्फ 19, 850 करोड़ रुपये ही था। अप्रैल 2022 के बाद यह सबसे कम है।

करुर वैश्य बैंक के ट्रेजरी प्रमुख वीआरसी रेड्डी ने कहा, ‘मार्च साल का आखिरी महीना था इसलिए अधिक जमा प्रमाणपत्र जारी किए गए और दरें भी ऊंची थीं। प्रणाली के भीतर नकदी में भी सुधार हुआ है, जिससे दरों में गिरावट आई है।’

शुक्रवार तक पूरे अप्रैल में बैंकिंग प्रणाली में नकदी अधिशेष थी। बाजार भागीदारों ने कहा कि जीएसी संग्रह के बाद शनिवार को यह घाटे में आ गई। भारतीय रिजर्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, रविवार को यह 30,133 करोड़ रुपये घाटे में थी।

दूसरी ओर, जनवरी, फरवरी और मार्च के महीनों में नकदी घाटे की स्थिति में थी। 3 माह और 6 माह के जमा प्रमाणपत्रों की दरों में 40 आधार अंकों की गिरावट आई है और 12 माह के जमा प्रमाणपत्र के दर 10 आधार अंक गिरे हैं।

प्राइम डेटा बेस के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 में बैंकों ने 9.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जमा प्रमाणपत्र जारी किए थे। जबकि उससे पिछले वित्त वर्ष में कुल 7.28 लाख करोड़ रुपये के जमा प्रमाणपत्र जारी किए गए थे। मगर बैंकों द्वारा परिपक्वता पर भुनाने के लिए अल्पावधि जमा प्रमाणपत्र जारी करने से शुद्ध रूप से 7.13 लाख करोड़ रुपये जुटाए गए। मार्च 2024 में जमा प्रमाणपत्र पर बकाया राशि 3.04 लाख करोड़ रुपये रही।

वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में बैंकों ने सर्वाधिक 3.6 लाख करोड़ रुपये जुटाए, जबकि तीसरी तिमाही में यह आंकड़ा 2.5 लाख करोड़ रुपये था। फरवरी महीने में 1.49 लाख करोड़ रुपये के साथ जमा प्रमाणपत्र जारी करने का आंकड़ा सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। यह फरवरी 2023 के 56,795 करोड़ रुपये की तुलना में 162 फीसदी अधिक है।

First Published : April 22, 2024 | 9:42 PM IST