अब तक अपने स्वयं के ग्राहकों के लिए कुछ ही बैंकों द्वारा की की जा रही कार्डलेस नकदी निकासी की सुविधा अब सभी बैंकों और एटीएम नेटवर्कों पर उपलब्ध होगी। यह सुविधा यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) की मदद से संभव होगी, जिसका इस्तेमाल ग्राहक पहचान में किया जाएगा। इससे ट्रांजेक्शन आसान होने और साथ ही धोखाधड़ी की आशंका घटने की संभावना है।
शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा, ‘सभी बैंकों और एटीएम नेटवर्कों/ऑपरेटरों में कार्ड-लेस नकदी निकासी सुविधा को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसे लेनदेन के निपटान के वक्त यूपीआई इस्तेमाल के जरिये ग्राहक पहचान सक्षम बनाने का प्रस्ताव और ऐसे ट्रांजेक्शन एटीएम नेटवर्कों के जरिये होगा। इस संबंध में एनपीसीआई, एटीएम नेटवर्कों और बैंकों द्वारा जल्द ही अलग निर्देश जारी किए जाएंगे।’
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, ‘ट्रांजेक्शन को आसान बनाने के अलावा, ऐसे लेनदेन के लिए पारंपरिक कार्डों की जरूरत समाप्त होने से स्किमिंग, कार्ड क्लोनिंग आदि जैसी धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी।’
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा, ‘प्रमाणन के लिए यूपीआई इस्तेमाल का प्रस्ताव है। इसके जरिये ग्राहक किसी भी बैंक के एटीएम या व्हाइट लेबल एटीएम से निकासी कर सकते हैं। हम ऐसे व्यवस्थागत बदलावों पर कार्य कर रहे हैं जिनकी जरूरत हो सकती है। बदलावों को 2-3 महीनों में नया रूप दिया जाएगा।’
जब सभी बैंक और एटीएम यह सेवा शुरू कराने लगेंगे तो ग्राहक एटीएम पर जाते वक्त यूपीआई आधारित नकदी निकासी का विकल्प तलाश पाएंगे। जब आप राशि की मात्रा टाइप कर देंगे, एक क्यूआर कोड सामने आएगा। ग्राहक को इस क्यूआर कोड को स्कैन करने और अपने यूपीआई ऐप पर यूपीआई पिन डालने की जरूरत होगी और फिर आपकी नकदी निकलकर सामने आ जाएगी। इस घटनाक्रम से अवगत एक अधिकारी ने कहा कि इससे ग्राहक को एक खास विकल्प मिलेगा जिससे कि वह सिर्फ एक व्यवस्था पर निर्भर न रहे।
उन्होंने कहा कि इंटरचेंज शुल्क ढांचे में बदलाव नहीं आएगा। अधिकारी ने कहा कि यूपीआई सिर्फ एक मैसेंजर के तौर पर काम करेगा, जबकि निपटान नैशनल फाइनैंशियल स्विच (एनएफएस) नेटवर्क में बना रहेगा।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा, ‘बैंकों में कार्ड-लेस निकासी में इस तरह के बदलाव की अनुमति के उपायों से क्यूआर कोड-आधारित भुगतान को और गति मिलेगी।’
नियोबैंक ‘फाई’ के सह-संस्थापक सुमीत ग्वालनी के अनुसार यूपीआई के मुख्य योगदान में बैंक खाते के लिए प्रमाणन हासिल करने के लिए मानकीकृत प्रवाह को सुगम बनाना था।
इस तरह का इस्तेमाल न सिर्फ बैंकिंग ऐप के साथ एकीकृत की क्षमता के साथ व्यापक बना हुआ है बल्कि गूगल पे और फोनपे जैसे थर्ड-पार्टी ऐप के साथ है है। यूपीआई का व्यापक स्तर पर इस्तेमाल हुआ है और यही वजह है कि हम एटीएम से कार्डलेस निकासी पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां कुछ बैंक पहले ही ऐसा करने में सक्षम रहे हैं, वहीं यह देखना नया अनुभव है कि सभी बैंक जल्द ही इस फीचर को अपनाएंगे, जिससे आगे चलकर सुविधा और सुरक्षा और मजबूत होगी।
जहां इससे ग्राहकों के लिए सुविधा बढ़ेगी और धोखाधड़ी में कमी आएगी, वहीं विश्लेषकों का यह भी मानना है कि इसका डेबिट कार्ड व्यवसाय पर प्रभाव पड़ेगा, जो कैश निकासी के उद्देश्य के लिए मुख्य तौर पर इस्तेमाल होता है। खासकर छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में नकदी निकासी के लिए डेबिट कार्ड का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है।
