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एक अक्टूबर से लागू होगा Card Tokenisation, डिजिटल पेमेंट होगा और भी सुरक्षित

Last Updated- December 11, 2022 | 3:27 PM IST

देश में चल रहे साइबर जोखिम और बैंकिंग धोखाधड़ी से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 1 अक्टूबर से क्रेडिट और डेबिट कार्ड के लेनदेन में अहम बदलाव करने जा रहा है। RBI 1 अक्टूबर से कार्ड-ऑन-फाइल टोकनाइजेशन (CoF Card Tokenization) सिस्टम लाने जा रहा है। आरबीआई का कहना है कि इस सिस्टम के लागू होने से ग्राहकों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
इस नियम के लागू होने की तारीख RBI पिछले 9 महीने से आगे बढ़ा रहा था। पहले इस सिस्टम को 1 जनवरी 2022 से लागू होना था लेकिन RBI ने इस तारीख को बढ़ाकर 30 जून 2022 कर दिया। हालांकि इस नियम को 30 जून से भी लागू नहीं किया जा सका था। RBI ने एक बार फिर इस तिथि को 30 जून से बढ़ाकर 1 अक्टूबर कर दिया। इस प्रकार अब यह नियम 1 अक्टूबर से लागू होने जा रहा है।
क्या होंगे अहम बदलाव
जब आप लेनदेन के अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड का प्रयोग करते हैं। आपको अपना लेनदेन सफल करने के लिए कई सारे डिटेल्स भुगतान सिस्टम में डालने होते हैं। जैसे आपको अपना कार्ड नंबर, सीवीवी, एक्सपायरी डेट और वन टाइम पासवर्ड भी देना पड़ता है। इसके बाद यदि सभी विवरण सही होता है तो आपका लेनदेन सफल हो जाता है।
आइए जानते है कि टोकनाइजेशन प्रणाली लागू हो जाने का बाद क्या अहम बदलाव होंगे-
टोकनाइजेशन जो कार्ड का सही और वास्तविक विवरण है उसको एक यूनिक वैकल्पिक कोड में बदल देगा। यह टोकन प्रयोगकर्ता और डिवाइस के आधार पर ही चलेगा। इसमे पेमेंट के दौरान हमेशा एक यूनिक कोड मिलेगा।
कार्ड टोकनाइजेशन कितना सुरक्षित है?
जब कार्ड का विवरण एन्क्रिप्टेड तरीके से सेव किया जाता है तो धोखाधड़ी का रिस्क काफी कम हो जाता है। क्योकि एन्क्रिप्टेड तरीके से सेव की गई जानकारी को सभी लोग आसानी से नहीं जान सकते है।
इस सुविधा के कारण आपको अपने किसी विवरण को याद रखने की जरूरत भी नहीं पड़ती है। आपका विवरण टोकनाइजेशन के जरिए पहले से ही सेव रहेगा जिससे आप बिना किसी परेशानी के आसानी से लेनदेन कर पाएगे। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए भी आपको अपने कार्ड की सीवीवी और वन टाइम पासवर्ड की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा आपको वेरिफिकेशन के लिए भी सहमति देनी होगी।
कैसे होगा लेनदेन
डिजिटल लेनदेन के दौरान आपको टोकन नंबर चुनने की सुविधा दी जाएगी। जैसे ही आप इस विकल्प को चुनेगे आपके कार्ड की जानकारी को टोकन नंबर में बदल दिया जाएगा। इसके बाद आपसे वेरिफिकेशन के लिए सहमति ली जाएगी। इसके बाद आपको टोकन नंबर जारी कर दिया जाएगा। इसकी सहायता से आप अपने लेनदेन को सफल बना पाएगे। इसकी एक विशेषता यह है कि एक ही कार्ड के जरिए अलग- अलग प्लेटफॉर्म में पेमेंट करने के लिए हर बार अलग-अलग टोकन नंबर जारी किए जाएगे।
टोकन नंबर कौन करेगा जारी
वीजा, रुपे और मास्टरकार्ड जैसे पेमेंट गेटवे टोकन नंबर जारी करेगे। जिस बैंक का कार्ड है टोकन नंबर जारी करते समय उस बैंक को इसकी सूचनी दी जाएगी। कुछ बैंकों से टोकन जारी करने के लिए पूर्व इजाजत भी लेनी पड़ सकती है। यह सुविधा पूरी तरह निशुल्क दी जा रही है।
यह सुविधा किसी के लिए भी बाध्यकारी नहीं है यदि आप चाहे तो पुराने तरीके से ही पेमेंट करना जारी रख सकते है। इसके अलावा आप अपने कितने भी कार्डों का टोकनाइजेशन करा सकते है इसके लिए अभी कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है।
इस प्रकार आरबीआई ने इस नई और आधुनिक तकनीक को अपनाने के जरिए बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने का एक प्रयास किया है। वेरिफिकेशन और एन्क्रिप्शन प्रणाली अपनाने के कारण साइबर और बैंकिंग धोखाधड़ी में कमी आएगी। जिससे ग्राहक बिना किसी चिंता के ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे।

 

First Published - September 18, 2022 | 6:22 PM IST

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