सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आफ बड़ौदा ने हर महीने मुफ्त नकद निकासी की अधिकतम संख्या घटाने का फैसला वापस ले लिया है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी है।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा है, ‘कुछ मीडिया रिपोर्ट में कुछ सरकारी बैंकों द्वारा सेवा शुल्क में तेज बढ़ोतरी की रिपोर्ट आई है।’ इसमें कहा गया है कि सरकारी बैंकों मेंं सिर्फ बैंक आफ बड़ौदा ने महीने में मुफ्त नकद निकासी की संख्या 5 से घटाकर 3 करने का फैसला किया था।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बहरहाल तीन से ज्यादा मुफ्त निकासी पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘बैंक आफ बड़ौदा ने सूचित किया है कि मौजूदा कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए बैंक ने किया गया बदलाव वापस ले लिया है। इसके अलावा किसी अन्य सरकारी बैंक ने हाल में इस तरह के शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की है।’
सरकार ने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए किसी भी सरकारी बैंक का शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है।
मंत्रालय ने साफ किया है, ‘हालांकि रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों में सरकारी बैंक सहित सभी बैंकों को अपनी सेवाओं पर साफ, पारदर्शी व गैर विभेदकारी तरीके से शुल्क लगाने की अनुमति मिली हुई है, जो उन पर आने वाली लागत के आधार पर होती है।’
