देश में एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) को आउटसोर्स करने की प्रक्रिया में इजाफा हो रहा है।
देश के कम से कम दो बड़े बैंक मौजूदा वित्तीय वर्ष में अपने नेटवर्क के विस्तार की योजना के तहत एटीएम को लगाने और उसके प्रबंधन के लिए आउटसोर्स की योजना बना रहे हैं।
आउटसोर्सिंग अनुबंध के लिए निजी क्षेत्र की बैंक एक्सिस बैंक की बातचीत बीएआईएल, यूरोनेट वर्ल्डवाइड, प्रिज्म पेमेंट्स और दो स्वतंत्र सर्विस ऑपरेटर्स के साथ बातचीत चल रही है। इसी तरह बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने विक्रेताओं से एटीएम को लगाने, आपूर्ति करने और इस मशीन को लगाने की जगह का निर्माण करने के प्रस्ताव के लिए आवेदन मंगाया है।
फिलहाल यह बैंक अगले तीन सालों के अंदर अपनी शाखाओं में 500 एटीएम लगाने का इरादा कर रही है। इन एटीएम में 70 बायोमीट्रिक एटीएम होंगे जिसमें चार अंकों के व्यक्तिगत पहचान संख्या के बजाय ग्राहकों के फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल होता है ताकि पैसे निकालने की प्रक्रिया बेहद प्रमाणिक रहे। फिलहाल देश भर में बैंक ऑफ बड़ौदा के 3,000 से ज्यादा एटीएम हैं।
ऐक्सिस बैंक के अल्टरनेट चैनल्स के प्रमुख एस्पी इंजीनियर का कहना है, ‘हमें यह उम्मीद है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में नए एटीएम को आउटसोर्स करके लगा दिया जाएगा।’ वैसे बैंक अपनी लागत को कम करने के लिए हर लेन-देन पर भुगतान करने के विकल्प पर विचार कर रही है।
पिछले साल देश भर से सबसे ज्यादा एटीएम नेटवर्क वाले भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)ने भी आउटसोर्स के जरिए एटीएम का प्रबंधन एक प्रायोगिक आधार सी-एज पर कर रही है जो एसबीआई और टाटा कंसंल्टेंसी सर्विसेज के बीच का संयुक्त उपक्रम है। पूरे देश भर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 500 एटीएम लगाए गए।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के पास फिलहाल 12,250 एटीएम है और अगले साल मार्च तक इसकी संख्या दोगुनी करके 25,000 करने की है। एसबीआई ने वैसे खुद से एटीएम लगाने का काम बंद नहीं किया है।
बैंक के एक अधिकारी का कहना है कि बैंक ने एटीएम को आउटसोर्स करने का फैसला लिया है ताकि अपने विस्तार के लक्ष्य को पूरा कर सके और पूंजीगत खर्चों में कमी ला सके। फिलहाल एक्सिस बैंक के एटीएम की संख्या 3,595 है और मौजूदा वित्तीय वर्ष में इसकी संख्या 1,000 तक बढ़ाकर करने की है।
एसबीआई की तरह ही निजी क्षेत्र के बैंकों ने भी खुद से एटीएम लगाने की योजना को पूरी तरह से खत्म नहीं किया है। इंजीनियर का कहना है, ‘आउटसोर्सिंग की योजना दरअसल विस्तार की रणनीति में मददगार साबित होगी। हम सबसे ज्यादा एटीएम खरीदने के मौके को छोड़ना नहीं चाहते हैं क्योंकि एटीएम का कारोबार अब पूरी तरह से बढ़ चुका है।’
भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक ही 1 अप्रैल से ही ग्राहकों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के किसी भी एटीएम से पैसे निकालने की सुविधा दी गई। जिस बैंक के एटीएम का इस्तेमाल लेन-देन में किया जाता है उसके लिए ग्राहक के बैंक को एक इंटरचेंज फीस देनी होगी।
जिन बैंकों के पास बड़ा एटीएम का नेटवर्क है, उनके लिए 1 अप्रैल से इंटरचेंज फीस आय और मुनाफे का खास जरिया बन गया है। इसकी वजह से ज्यादा ग्राहक उनके एटीएम का इस्तेमाल कर पाएंगे।
