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कोविड के मामले बढऩे से बैंकों के लिए उच्च जोखिम बना रहेगा

Last Updated- December 12, 2022 | 6:00 AM IST

रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (एसऐंडपी) ने आज कहा कि भारत में बैंकों के समक्ष प्रणालीगत जोखिम कोविड-19 संक्रमणों की दूसरी लहर और कमजोर ऋणों के अधिक अनुपात को देखते हुए उच्च बना रहेगा।
ऐसा आर्थिक वृद्घि में सुधार आने और केंद्रीय बैंक तथा सरकार की ओर से आर्थिक संकट के प्रभावों को झेलने के लिए किए गए प्रयासों के बावजूद है।
कोविड-19 का नियंत्रण अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख जोखिम बना हुआ है। हाल के हफ्तों में नए सक्रमणों में तेजी आई है और देश दूसरी महामारी लहर में फंसा हुआ है। कुल लक्षित लॉकडाउन पहले ही प्रभावी किए जा चुके हैं और इसके साथ और उपाय किए जाने की जरूरत होगी। एसऐंडपी ने एक वक्तव्य में कहा कि वृहद स्तर पर लॉकडाउन का असर बड़ा हो सकता है जो इसकी अवधि और दायरे पर निर्भर करेगा। उसने कहा, ‘हम अगले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था की अच्छी वृद्घि की संभावना देख रहे हैं। विगत कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे सुधार आया है। वित्त वर्ष 2022 में हमने 11 फीसदी की आर्थिक वृद्घि का अनुमान लगाया है।’

First Published - April 12, 2021 | 11:36 PM IST

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