सार्वजनिक क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक ने सरकार से और अधिक पूंजी मुहैया कराने की मांग की है।
इन बैंकों का कहना है कि इस अतिरिक्त पूंजी से उनको चालू वित्त वर्ष में अपने पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर)को 12 प्रतिशत तक के स्तर तक रखने में मदद मिलेगी। यूको बैंक चाहता है कि सरकार 400 करोड रुपये के नॉन-क्युमुलेटिव वरीयता शेयरों को खरीदे जिसे बैंक जल्द ही जारी करने की योजना बना रहा है।
इस बाबत यूको बैंक केअध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ए केगोयल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अगर सरकार हमारे इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा देती है तो इससे हमें टीयर-टू कैपिटल में 400 करोड रुपये की अतिरिक्त पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इसके पूरा होने से हमारा सीएआर का स्तर 12.50 फीसद केआसपास पहुंच जाएगा। गोयल ने बताया कि अगर सरकार यूको बैंक के इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर देती है तो फिर बैंक अपने प्रस्तावित फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर को टाल देगा और बाजार में स्थितियों में सुधार आने तक इंतजार करेगा।
इसी तरह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ कार्यकारी ने कहा कि बैंक ने सरकार से पूंजी उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हमें एकाउंटिंग स्टैंडर्ड 15 के मानक को पूरा करने केलिए 875 करोड़ रुपये के प्रावधान करने की जरूरत थी लेकिन ऐसा नहीं कर पाने के कारण हमारा सीएआर गिरकर 9.75 फीसद के स्तर पर पहुंच गया।
अधिकारी ने कहा कि हमने सरकार से हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट के जरिये पूंजी उपलब्ध कराने की मांग की है। हालांकि बैंक कितने धन की मांग करेगा, अधिकारी ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया।
इसी तरह कोलकाता स्थित अन्य बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पूंजी पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में है और साथ ही अगले तीन वर्षों के लिए जरूरी पूंजी का आकलन कर रहा है।
इस बारे में यूबीआई के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एक के गुप्ता ने कहा कि इस कार्य केलिए हमने एक कंसल्टेंट को नियुक्त किया है और अगले तीन में आवश्यक पूंजी के बारे में अनुमान लगाने केबाद हम सरकार केसमक्ष अपनी मांग रखेंगे।
विजया बैंक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अल्बर्ट टॉरो ने कहा कि बैंक मुनाफे और कारोबार पर आधारित आवश्यक पूंजी के बारे में विचार कर रहा है।