मंदी और ऋण संकट की मार झेल रहे कारोबारी जगत को राहत पहुंचाने की कवायद अब रंग लाने लगी है।
देश के सबसे बड़े सार्वजनिक ऋणदाता बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ-साथ कई और बैंकों ने भी अपनी ब्याज दर घटाने की पहल कर दी।
इसके तहत एसबीआई समेत कॉरपोरेशन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक, आंध्र बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और इलाहाबाद बैंक ने पीएलआर में 75 आधार अंकों की कटौती करने की घोषणा कर दी।
हालांकि इससे पहले कुछ अन्य बैंक भी ब्याज दर में कटौती कर चुके हैं। इधर, निजी क्षेत्र के सिटी बैंक ने भी प्रमुख उधारी दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की है। इस बीच, भारतीय स्टेट बैंक ने बैंकिंग तंत्र में नकदी की किल्लत का दुखड़ा रोया है।
फिक्की-आईबीए बैंकिंग सेमिनार के दौरान बैंक के अध्यक्ष ओ. पी. भट्ट ने कहा कि रिजर्व बैंक के तमाम प्रयासों के बावजूद बैंकिंग तंत्र को नकदी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकों के पास इतनी नकदी नहीं है कि इसका प्रवाह बैंकों से बैंकों या फिर बैंक से ग्राहकों तक निर्बाध रूप से हो सके। इसके लिए अभी और तरलता बढ़ाने की जरूरत है।
भट्ट ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली की दबाव वाली परिसंपत्तियां बैंकों के एनपीए स्तर को बढ़ा सकती हैं। ऐसे में बेहतर जोखिम प्रबंधन प्रणाली की जरूरत होगी। भट्ट ने कहा कि कॉरपोरेट खंड की ओर से ऋण की मांग बहुत अधिक है, क्योंकि वैश्विक फंडिंग स्रोत लगभग खत्म हो गए हैं।
ज्यादातर कंपनियों ने पर्याप्त ऋण के लिए बैंक का रुख किया है। सिटी के मुख्य कार्याधिकारी (दक्षिण एशिया) संजय नायर ने कहा कि भारतीय बैंकिंग तंत्र ठीक हालत में है, लेकिन नकदी की समस्या अब भी कायम है। एसएमई और ढांचागत क्षेत्र को और फंड उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है, जबकि अर्थव्यवस्था के लिए बैंकिंग तंत्र को तरलता की जरूरत है।
बैंक कटौती पीलएलआर
एसबीआई 75 13.25
देना बैंक 75 13.50
सिटी बैंक 50 15.00
ओबीसी 75 13.25
केनरा बैंक 75 13.25
(इनके अलावा, कॉरपोरेशन बैंक, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, आंध्र बैंक, इलाहाबाद बैंक ने भी पीएलआर में कटौती की है)