वित्त-बीमा

Bank deposit growth: बैंक जमा में वृद्धि को ऋण की रफ्तार से तालमेल में हो सकती है कठिनाई

एसऐंडपी का अनुमान, 2025 में ऋण वृद्धि के मुकाबले बैंक जमा वृद्धि की रफ्तार धीमी रहेगी, बैंकों की फंडिंग प्रोफाइल बनी रहेगी मजबूत

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अभिजित लेले   
Last Updated- November 14, 2024 | 11:35 PM IST

भारत में बैंक जमा में वृद्धि को 2025 में तेज ऋण वृद्धि से तालमेल बनाए रखने में कठिनाई हो सकती है। इससे जिससे ऋण-जमा अनुपात कमजोर होने का जोखिम बढ़ सकता है। एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुताबिक इसके बावजूद बैंकों की कुल मिलाकर फंडिंग प्रोफाइल मजबूत बनी रहेगी।

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक बैंकों द्वारा जमा आकर्षित करने की रफ्तार में वृद्धि 1 नवंबर 2024 को सालाना आधार पर 11.82 प्रतिशत हो गई है, जो एक साल पहले 13.5 प्रतिशत थी। वहीं ऋण वृद्धि 11.9 प्रतिशत रही, जो एक साल पहले 20.4 प्रतिशत थी। इन आंकड़ों में एचडीएफसी का एचडीएफसी बैंक में विलय के आंकड़े शामिल हैं।

रेटिंग एजेंसी ने 2025 के अपने परिदृश्य में कहा है कि जमा के लिए प्रतिस्पर्धा और ज्यादा ब्याज वाले सावधि जमा के कारण ब्याज से शुद्ध मुनाफा घटकर वित्त वर्ष 2025 में 3 प्रतिशत रह सकता है, जो वित्त वर्ष 2024 में 3.2 प्रतिशत था।

एजेंसी को उम्मीद है कि ऋण वृद्धि की दर, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की नॉमिनल वृद्धि दर की तुलना में थोड़ा अधिक रहेगी, जिसमें खुदरा ऋण की वृद्धि सबसे तेज रहने की संभावना है।

First Published : November 14, 2024 | 11:34 PM IST