दिग्गज दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल की एयरटेल पेमेंट्स बैंक ने इस साल जनवरी से जून के बीच अपने निष्क्रिय वॉलेट हटा दिए, जिसके बाद उसके प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रुमेंट (पीपीआई) वॉलेट में करीब 49 फीसदी कमी आई है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। गुरुग्राम की कंपनी के पास इस साल जनवरी में करीब 7.25 करोड़ पीपीआई वॉलेट थे, जो मई में घटकर 3.67 करोड़ बकाया वॉलेट रह गए।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के सवालों पर एयरटेल पेमेंट्स बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अनुव्रत विश्वास ने कहा, ‘हमने हाल ही में निष्क्रिय वॉलेट को हटाकर अपनी प्रणाली को बेहतर करने का प्रयास किया है। ग्राहकों से बातचीत करने के बाद इन्हें निष्क्रिय कर दिया गया।’
मगर इस साल इसी अवधि के दौरान पीपीआई वॉलेट से कंपनी के लेनदेन की मात्रा में वृद्धि दर्ज की गई है। इस साल जनवरी में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए कंपनी के पीपीआई वॉलेट के जरिये 60.5 लाख लेनदेन किए गए। यह मई में बढ़कर 70.7 लाख हो गए, जो पांच महीनों के अवधि में 16.8 फीसदी की मात्रात्मक वृद्धि है। रकम भेजने के मोर्चे पर ऐसे लेनदेन जनवरी के 20,659 से बढ़कर मई में 28,642 हो गए।
पेमेंट्स बैंक खंड में एयरटेल पेमेंट्स बैंक (एयरटेल पीबी) ने जनवरी में रिजर्व बैंक द्वारा पेटीएम पेमेंट्स बैंक (पेटीएम पीबी) पर सख्ती के बाद भी पीपीआई वॉलेट में बड़ी गिरावट दर्ज की है। यह गिरावट ऐसे वक्त में दर्ज की गई जब उद्योग के जानकारों को लगता था कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहक अब प्रतिस्पर्धी कंपनियों का रुख करेंगे।
जनवरी में पेटीएम पेमेंट्स बैंक के पास 63.07 करोड़ पीपीआई वॉलेट थे, जो मई में करीब 40 फीसदी घटकर 38.05 करोड़ रह गए। खबर लिखे जाने तक पेटीएम पीबी ने सवालों का कोई जवाब नहीं दिया।