Maharashtra CM Swearing-In Ceremony: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शनिवार को ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए महायुति गठबंधन ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को करारी शिकस्त दी। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के गुटों से बने महायुति गठबंधन ने प्रचंड बहुमत हासिल की।
भाजपा-शिवसेना-एनसीपी गठबंधन पहले से राज्य की सत्ता में है। हालांकि, मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कुर्सी को लेकर संशय बरकरार है। भाजपा ने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी शिंदे के पास ही रहेगी या नहीं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कहा कि मुख्यमंत्री पद का फैसला तीनों पार्टियों के शीर्ष नेता करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लेंगे, जिससे यह संकेत मिलता है कि भाजपा मुख्यमंत्री पद अपने पास रखना चाहती है।
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत होती है। अधिकांश एग्जिट पोल ने बुधवार को महायुति गठबंधन की जीत का अनुमान लगाया था, हालांकि कुछ ने महा विकास अघाड़ी को मामूली बढ़त दी थी।
पांच महीने पहले लोकसभा चुनावों में महायुति को महाराष्ट्र की 48 सीटों में से सिर्फ 17 सीटें ही मिल पाई थीं। यह प्रदर्शन भाजपा के लिए केंद्र स्तर पर भी नुकसानदायक साबित हुआ था, जिससे विपक्ष को विधानसभा चुनाव में जीत की उम्मीदें बढ़ गई थीं। हालांकि, हरियाणा विधानसभा चुनाव और अब महाराष्ट्र के नतीजों से साफ हो गया है कि भाजपा जोरदार वापसी कर चुकी है।
एमवीए 46 सीटों पर सिमटी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत महायुति गठबंधन ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 288 सदस्यीय विधानसभा में 230 सीटों पर कब्जा जमाया। कांग्रेस नीत महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन केवल 46 सीटों पर सिमटकर रह गया।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, भाजपा ने 132 सीटें जीतीं, शिवसेना ने 57 और राकांपा ने 41 सीटें हासिल कीं। वहीं, एमवीए के तहत राकांपा (शरद पवार) के उम्मीदवारों को 10, कांग्रेस को 16 और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को 20 सीटें मिलीं।
महायुति की इस भारी जीत ने महाराष्ट्र में सत्ता की राजनीति का नया अध्याय लिख दिया है, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है।