विधानसभा चुनाव

हरियाणा चुनाव नतीजों का दिखने लगा असर! UP उपचुनाव के लिए सपा ने कांग्रेस के दावों को किया दरकिनार, 6 सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार

प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों में सहयोगी कांग्रेस की मांग को दरकिनार करते हुए समाजवादी पार्टी ने छह सीटों पर अपने प्रत्याशियों का एलान कर दिया है।

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सिद्धार्थ कलहंस   
Last Updated- October 09, 2024 | 6:13 PM IST

हरियाणा विधानसभा चुनावों के नतीजों का असर उत्तर प्रदेश में दिखने लगा है। प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों में सहयोगी कांग्रेस की मांग को दरकिनार करते हुए समाजवादी पार्टी ने बुधवार को छह सीटों पर अपने प्रत्याशियों का एलान कर दिया है।

समाजवादी पार्टी ने प्रदेश की दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मैनपुरी के करहल से मुलायम सिंह यादव के भतीजे तेजप्रताप यादव को टिकट दिया है। करहल सीटें सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई है। वहीं कानपुर में सीसामऊ से नसीम सोलंकी को टिकट मिला है। इस सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी की सदस्यता सजायाफ्ता होने के चलते चली गयी थी।

कौशांबी जिले की फूलपुर सीट पर सपा ने मुस्तफा सिद्दीकी को तो मिल्कीपुर सीट से अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया है। अंबेडकर नगर से सपा सांसद लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को इसी जिले की कटेहरी सीट में होने वाले उपचुनाव में मैदान में उतारा गया है जबकि मिर्जापुर की मझवां सीट पर डॉ ज्योति बिंद को टिकट दिया गया है। सपा ने अभी चार सीटों कुंदरकी, मीरापुर, खैर और गाजियाबाद के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं।

उत्तर प्रदेश में मिल्कीपुर, करहल, कटेहरी, मंझवा, फूलपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, मीरापुर, खैर और गाजियाबाद विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस इन दस में से पांच सीटों पर अपना दावा कर रही थी। कांग्रेस ने दसों सीटों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति कर वहीं संविधान सम्मेलन करना शुरू कर दिया था। हरियाणा चुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस का पांच सीटों के लिए दावा कमजोर पड़ा है।

सपा नेताओं का कहना है कि बदले हालात में कांग्रेस के लिए ज्यादा से ज्यादा खैर और गाजियाबाद दो विधानसभा सीटें लड़ने के लिए छोड़ी जा सकती है। मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट पर बीते कई चुनावों से सपा का कब्जा रहा है जबकि मीरापुर में पिछले चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी जीते थे। सपा हर हाल में इन दोनो अल्पसंख्यक बहुल सीटों को अपने पास रखना चाहेगी।

खैर में पिछले तीन विधानसभा चुनावों से सपा को जीत नहीं मिली थी जबकि गाजियाबाद सदर विधानसभा सीट पर कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को अच्छे वोट मिले थे। सपा नेताओं का मानना है कि प्रदर्शन के लिहाज से भी कांग्रेस का दावा उपचुनावों में इन्हीं दोनों सीटों पर ही बनता है।

First Published : October 9, 2024 | 4:25 PM IST