झारखंड में 81 सदस्यों वाली विधान सभा में सरकार की चाबी जनजातियों के लिए आरक्षित 28 सीट के साथ-साथ महिला मतदाताओं के हाथ में है। यहां 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव तारीखों की घोषणा के बाद राज्य में अपनी पहली रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में आदिवासियों को महत्त्वपूर्ण पद दिए जाने का जिक्र किया।
उन्होंने सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अथवा उनके परिवार के सदस्यों के नाम लेने से परहेज किया। प्रधानमंत्री को पूरा एहसास था कि झारखंड के दिग्गज नेता शिबू सोरेन राज्य के आदिवासी समाज में बहुत अधिक सम्मान की नजर से देखे जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की महिला केंद्रित नीतियों के साथ-साथ भाजपा द्वारा झारखंड के लिए जारी चुनावी घोषणा पत्र में महिलाओं के लिए गोगो दीदी जैसी योजना का बखान किया। इस योजना के तहत पात्र महिला को 2,100 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो महिलाओं के लिए नर्सिंग पाठ्यक्रमों की पढा़ई मुफ्त की जाएगी, ताकि वे बेहतर तरीके से पढ़ाई कर ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूरोपीय देशों में अच्छी नौकरी हासिल कर सकें। हाल ही में भारत दौरे पर आए जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्ज जब मुझसे मिले तो उन्होंने हमारे देश की नर्सों के समर्पित सेवा भाव की काफी तारीफ की।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड में जनजातियों की जनसंख्या 26.21 प्रतिशत है। राज्य के 24 जिलों में से 21 में ये बड़ी संख्या में हैं। वर्ष 2019 के विधान सभा चुनाव में भाजपा आदिवासियों के लिए आरक्षित 28 में से केवल 2 सीट ही जीत पाई थी। हालांकि इन सीटों पर पार्टी का वोट शेयर 33 प्रतिशत था जबकि 19 सीट जीतने वाली झामुमो का वोट शेयर 34 प्रतिशत ही था।
उस समय भाजपा की इतनी बड़ी हार के लिए वर्ष 2014 में पार्टी द्वारा गैर आदिवासी रघुवर दास को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले को बताया गया था। इसी साल हुए लोक सभा चुनाव में भाजपा राज्य की पांच में से एक भी सीट नहीं जीत पाई। झामुमो ने मतदाताओं के समक्ष भाजपा को आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया, क्योंकि धन शोधन के आरोपों में केंद्रीय एजेंसी ईडी ने उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया था।
चाईबासा में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पड़ोसी राज्य ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपने आदिवासी नेताओं को ही मुख्यमंत्री बनाया है। कई राज्यपाल भी उसने आदिवासी समुदाय से ही बनाए हैं। जुआल ओराम, दुर्गादास उइके, सावित्री ठाकुर और सर्बानंद सोनोवाल जैसे आदिवासी नेताओं के पास केंद्रीय मंत्रिमंडल में महत्त्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने पुरजोर विरोध किया था। उन्होंने अपने संबोधन में लोगों से कहा कि वे चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए कांग्रेस और झामुमो को अवश्य सबक सिखाएं। इससे पहले गढ़वा की रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के उस बयान को लेकर भी निशाना साधा जिसमें उन्होंने पार्टी नेताओं को सलाह दी थी कि वे चुनावी घोषणाओं का बहुत ही सोच-समझ
कर ऐलान करें। ऐसी घोषणाएं बिल्कुल न करें, जिन्हें पूरा नहीं किया जा सके। मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन वाले हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक को दिवालिया बना दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस आदिवासियों का आरक्षण छीनकर उन्हें अपने घुसपैठिया ‘वोट बैंक’ को सौंप देगी, जो आपकी बेटियों को छीन रहे हैं, जमीन हड़प रहे हैं और आपकी रोटी खा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि झारखंड की जनसांख्यिकी को बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि झारखंड में भाजपा सरकार बनते ही घुसपैठ पर रोक लगाने के लिए हर कदम उठाए जाएंगे। अवैध तरीके से हड़प की गई भूमि को दोबारा आदिवासी बेटियों के नाम करने के लिए कानून लाए जाएंगे। उन्होंने राज्य में झामुमो नीत गठबंधन को घुसपैठिया बंधन और माफिया का गुलाम करार दिया।
उन्होंने कहा कि पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार (पेसा) कानून के क्रियान्वयन से पंचायतों को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने झारखंड में भाजपा उम्मीदवार सीता सोरेन और महाराष्ट्र में एक महिला नेता को ‘अपमानित’ करने के लिए कांग्रेस नीत विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि महिलाओं का अपमान करना उनकी आदत है। वह हाल ही में भाजपा में शामिल हुईं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन के खिलाफ कांग्रेस मंत्री इरफान अंसारी की अपमानजनक टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे। मोदी ने इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘कोल्हान क्षेत्र ने शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ विद्रोह किया था और अब वह झारखंड से अत्याचारी झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार है।’ कोल्हान क्षेत्र में तीन जिले- पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां शामिल हैं। इनमें कुल मिलाकर 14 सीट हैं, जिनमें से नौ आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि झामुमो नीत गठबंधन ने राज्य के युवाओं को ‘भर्ती माफिया’ के हाथों ‘सौंप दिया’ और लगातार पेपर लीक से उनका भविष्य बरबाद कर दिया।
भाजपा के घोषणा पत्र में किए गए वादों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में 2000 रुपये बेरोजगारी भत्ता, 500 रुपये में गैस सिलिंडर और त्योहारों के दौरान दो गैस सिलिंडर मुफ्त देगी।