जोरम पीपल्स मूवमेंट (जेडपीएम) ने सोमवार को 40 सदस्यीय सदन में 27 सीट जीतकर मिजो नैशनल फ्रंट (एमएनएफ) को अपदस्थ कर दिया और मिजोरम की सत्ता हासिल कर ली। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि एमएनएफ को 10 सीट पर जीत मिली, जबकि भाजपा को 2 और कांग्रेस को 1 सीट पर जीत मिली।
जीत हासिल करने वाले जेडपीएम के प्रमुख नेताओं में पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार लालदुहोमा भी शामिल हैं। उन्होंने सेरछिप सीट पर मिजो नैशनल फ्रंट (एमएनएफ) के जे. माल्सावमजुआला वानचावंग को 2,982 मतों से हराया।
आयोग ने बताया कि मुख्यमंत्री जोरमथंगा आइजोल ईस्ट-प्रथम सीट पर जेडपीएम उम्मीदवार लालथनसांगा से 2,101 मतों से हार गए। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। राज्य में 2018 के विधानसभा चुनाव में एमएनएफ ने 26 सीट जीती थीं।
मिजोरम के इतिहास में यह पहली बार होगा कि 1987 में गठन के बाद से पूर्वोत्तर राज्य पर गैर-कांग्रेस तथा गैर-एमएनएफ सरकार का शासन होगा। चुनाव लड़ने वाले एमएनएफ के 11 मंत्रियों में से 9 हार गए।
गृह मंत्री लालचमलियाना ने चुनाव नहीं लड़ा था। निर्वाचन आयोग के अनुसार, चुनाव में जिन नेताओं को हार का सामना करना पड़ा, उनमें उपमुख्यमंत्री और एमएनएफ उम्मीदवार तावंलुइया शामिल हैं, जो तुइचांग में जेडपीएम उम्मीदवार से हार गए।