हाल ही में कोर्ट में कार्रवाई के दौरान देश के सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की सुरक्षा को कुछ निर्देश जारी किए हैं। लेकिन साथ ही कागजी मतपत्रों पर वापस जाने की याचिका को भी खारिज कर दिया है।
चुनाव आयोग को दिया जानकारी देने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) पर जानकारी देने का निर्देश दिया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि न्यायाधीश “अतीत को नहीं भूले हैं” और मतपत्रों पर वापस लौटने का कोई सवाल नहीं है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने वोटर-वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) प्रणाली पर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। इन याचिकाओं में VVPAT के साथ डाले गए सभी वोटों के मिलान (cross-verification) की मांग की गई थी।
VVPAT एक ऐसी प्रणाली है जो मतदाताओं को उनके वोटों की सटीकता की पुष्टि करने के लिए एक कागज़ की पर्ची प्रदान करती है। यह पर्ची मतदाता को दिखाई देती है और फिर इसे संभावित विवादों के लिए एक सीलबंद कवर में स्टोर किया जाता है।
SC ने कहा, हम सभी जानते हैं कि जब मतपत्र थे तो क्या हुआ था
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि “हम 60 की उम्र के करीब हैं और हम सभी जानते हैं कि जब मतपत्र थे तो क्या हुआ था। आप भी जानते होंगे, लेकिन हम नहीं भूले हैं।” न्यायमूर्ति खन्ना ने वर्तमान कार्यवाही पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, पिछली चुनावी प्रथाओं पर बहस में शामिल होने से इनकार कर दिया।
अदालत ने स्वीकार किया कि वोटों की गिनती में मानवीय त्रुटियों की संभावना हमेशा बनी रहती है। हालांकि, पीठ ने चुनावी प्रणाली की अखंडता में विश्वास बनाए रखने पर जोर दिया।
कार्यकर्ता अरुण कुमार अग्रवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा कि “गलती की बहुत अधिक आशंका है। हम हमेशा हमारी न्यायिक प्रणाली में रुकावट डालने वाले मामलों की संख्या सहित हर चीज के लिए जनसंख्या को दोषी मानते हैं। हमें सिस्टम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि एक भी मतदाता के मन में जरा भी संदेह न रहे।”
EVM की कार्यप्रणाली, स्टोरेज और सुरक्षा उपायों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करने का निर्देश
अदालत ने मौजूद चुनाव आयोग के अधिकारियों को EVM की कार्यप्रणाली, स्टोरेज और सुरक्षा उपायों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया। पीठ ने EVM हेरफेर के संभावित परिणामों पर स्पष्टीकरण मांगा और चुनाव आयोग से चुनावी प्रक्रिया में मतदाताओं का विश्वास बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) से जुड़ी पूरी प्रक्रिया, उनके असेंबलिंग से लेकर मतगणना के बाद स्टोरेज तक की विस्तृत जानकारी प्रदान करे। चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह को पीठ से यह निर्देश मिला। चर्चा में विभिन्न वकीलों के इनपुट शामिल थे लेकिन समाप्त नहीं हुए। इसे 18 अप्रैल को जारी रखने की तैयारी है। ये चर्चाएं 19 अप्रैल से शुरू होने वाले सात चरण के लोकसभा चुनाव की शुरुआत से ठीक पहले हो रही हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) यह सुनिश्चित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की अधिक सावधानीपूर्वक जांच चाहता है कि चुनाव परिणाम सटीक और पारदर्शी हों। उनका सुझाव है कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से रिकॉर्ड किए गए वोटों की पुष्टि के लिए वीवीपैट की पर्चियों की पूरी तरह से गिनती की जाए।