प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दावा किया कि 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपनी मां इंदिरा गांधी की संपत्ति को सरकार के पास जाने से बचाने के लिए विरासत कर समाप्त कर दिया था। मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब इस कर प्रावधान को फिर से लागू करना चाहती है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के आरोपों को झूठा करार दिया और कहा कि यह मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के मुरैना में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कांग्रेस पर धर्म के आधार पर विभाजन स्वीकार करके ‘देश के हाथ काटने’ का आरोप लगाया।
मुरैना में 7 मई को मतदान होना है। मोदी ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपनी मां इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति को सरकार के पास जाने से बचाने के लिए 1985 में विरासत कर को समाप्त कर दिया था।
यह विरासत में मिली चल और अचल संपत्ति पर लगाया जाने वाला एक कर था। मोदी ने कहा, ‘कांग्रेस ने जो पाप किए हैं, उनके बारे में कान खोलकर सुनो। मैं एक दिलचस्प तथ्य सामने रखना चाहता हूं। जब बहिन इंदिरा गांधी का निधन हुआ, तो एक कानून था, जिसके तहत आधी संपत्ति सरकार को जाती थी। उस समय ऐसी चर्चाएं थीं कि इंदिराजी ने अपनी संपत्ति अपने बेटे राजीव गांधी के नाम कर दी थी।’
प्रधानमंत्री ने दावा किया कि सरकार को जाने वाले पैसे को बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने विरासत कर को खत्म कर दिया था।
इस मुद्दे पर अमेरिका में रह रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणी पर निशाना साधते हुए मोदी ने आरोप लगाया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो ‘विरासत कर’ के जरिए लोगों की उनके पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई आधी से ज्यादा संपत्ति छीन लेगी।