Ghazipur Lok Sabha seat: इस साल मार्च में जेल में माफिया से राजनेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की लंबी बीमारी से मौत के बाद इसकी सहानुभूति विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन (INDI Alliance) को मिल सकती है, जहां सातवें चरण में 1 जून को मतदान होना है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश (पूर्वांचल) के निर्वाचन क्षेत्र से इस बार समाजवादी पार्टी (SP) के टिकट पर मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी चुनावी मैदान में हैं। अफजाल इससे पहले साल इसी निर्वाचन क्षेत्र से 2019 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट पर जीत चुके हैं।
अफजाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी मनोज सिन्हा को हराया था, जो अभी जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल हैं। सिन्हा भी गाजीपुर से सांसद रह चुके हैं।
हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) बड़े पैमाने पर ग्रामीण गाजीपुर क्षेत्र से अंसारी का दबदबा खत्म करना चाह रही है मगर पूर्व डॉन का परिवार मुख्तार के रूप में क्षेत्र के कद्दावर राजनेता की मौत के बाद भी अपना राजनीतिक दबदबा बरकरार रखने की कोशिश में है। मुख्तार मऊ विधान सभा सीट से विधायक भी रह चुका था।
इंडिया गठबंधन गाजीपुर के मुस्लिम, यादव, अन्य पिछड़ी जाति और दलित मतदाताओं को लुभाने की कोशिशों में जुटा है जबकि भाजपा सवर्णों, भूमिहारों, गैर यादव ओबीसी और दलितों को एकजुट कर रही है, जो मुफ्त राशन योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन कर रहे है।
भाजपा उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था की दुहाई दे रही है और साल 2017 से अपराधियों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई का भी प्रचार कर रही है।
दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे अफजाल अपने भाई अंसारी और निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के बीच के रिश्तों के बारे में बता रहे हैं और मतदाताओं से यह कह कर भी सहानुभूति लेने का प्रयास कर रहे हैं कि जेल में रहने के दौरान राजनीतिक बदले के रूप में मुख्तार को जहर देकर मारा गया था।
अफजाल अंसारी अपने भाई मुख्तार अंसारी को समाज के पीड़ित और हाशिये पर पड़े तबके के लोगों के लिए खड़े होने वाला व्यक्ति बताकर उनके डॉन से नेता बनने वाली बातों का खंडन कर रहे हैं।
गाजीपुर के सीमांत किसान और श्रमिक ब्रजेंद्र प्रजापति ने कहा कि जरूर सामान की बढ़ती कीमतें शनिवार को होने वाले मतदान को प्रभावित करेगी। उन्होंने अपनी प्राथमिकता बताए बिना मुस्कुराते हुए कहा, ‘मैं साल 2019 से ही अपनी मतदान की प्राथमिकता बदलने के बारे में सोच रहा हूं।’
स्थानीय कॉलेज के छात्र रियाज ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में निर्वाचन क्षेत्र में शुरू हुई कई विकास परियोजनाओं को तो माना मगर कहा कि मुख्तार की मौत की सहानुभूति से अफजाल अंसारी को फायदा मिल सकता है।
भाजपा ने पारसनाथ राय को इस बार चुनावी मैदान में उतारा है, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े हैं और सिन्हा के भी करीबी माने जाते हैं। मगर कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि राज्य इकाई की प्राथमिकता को अनदेखा करते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने राय को भाजपा उम्मीदवार घोषित किया है।
लेकिन, गाजीपुर के बाहरी इलाके में एक छोटी सी चाय की दुकान चलाने वाले अजय गुप्ता ने कहा कि वह प्रधानमंत्री के लिए मतदान करेंगे।