फ्यूचर गेमिंग ऐंड होटल सर्विसेज का नाम गुरुवार को आश्चर्यजनक तरीके से सुर्खियों में आ गया, जबकि पहले इसके नाम से बहुत कम लोग ही वाकिफ थे। इसके सुर्खियों में आने की वजह यह है कि इसने राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के जरिये सबसे ज्यादा चंदा दिया है।
फ्यूचर गेमिंग (जिसे पहले मार्टिन लॉटरी एजेंसीज के नाम से जाना जाता था) और इसके संस्थापक सैंटियागो मार्टिन की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है। सैंटियागो को भारत के ‘लॉटरी किंग’ के नाम से जाना जाता है। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने जो जानकारी साझा की है उसके मुताबिक फ्यूचर गेमिंग ने अप्रैल 2019 और जनवरी 2024 के बीच 1,368 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। कोयंबतूर की 2 अरब डॉलर हैसियत वाली फ्यूचर गेमिंग वैसे तो मुख्य रूप से लॉटरी कारोबार से जुड़ी है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसने रियल एस्टेट, फिल्म निर्माण, म्यूजिक चैनल और यहां तक कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भी अपने कदम जमाने की कोशिश की है।
मार्टिन ने म्यांमार में एक मजदूर के रूप में अपने सफर की शुरुआत की। बाद में वह 1988 में तमिलनाडु में बस गए और फिर 1991 में अपना कारोबार शुरू कर दिया। हालांकि उनकी सारी योजनाओं पर तब पानी फिरने लगा, जब वर्ष 2003 में तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने राज्य में लॉटरी की बिक्री पर रोक लगा दी। इसके चलते मार्टिन अपना ध्यान कर्नाटक और केरल की तरफ लगाने के लिए मजबूर हुए।
इसी समय मार्टिन द्वारा शुरू किए गए साउदर्न स्पाइस म्यूजिक नाम का एक सैटेलाइट टेलीविजन चैनल सुर्खियों में आया। शुरुआत में इस चैनल पर लॉटरी के परिणामों की घोषणा की जाती थी।
फ्यूचर गेमिंग भारत की पहली लॉटरी कंपनी थी जिसने विभिन्न सरकारों द्वारा आयोजित ड्रॉ के टीवी पर सीधे प्रसारण की सुविधा दी। दिलचस्प बात यह है कि चैनल इतना लोकप्रिय हो गया कि एमटीवी इंडिया ने खुद इस चैनल के अधिग्रहण की मार्टिन से पेशकश की, लेकिन यह करार नहीं हो पाया। बाद में, चैनल उतना प्रासंगिक नहीं रहा और फिर इसे एक डिजिटल मंच के तौर पर दोबारा लॉन्च किया गया।
2000 के दशक के मध्य में मार्टिन ने अपने कारोबार का दायरा भूटान और नेपाल सहित पूर्वोत्तर क्षेत्र में भी बढ़ाया और सरकारी लॉटरी योजनाओं का प्रबंधन करने लगे। इनमें से ज्यादातर इलाकों में, वह कथित तौर पर लॉटरी टिकटों के एकमात्र वितरक हैं। अब सिक्किम का ही मामला लें, सिक्किम सरकार को कथित रूप से धोखा देने के लिए सीबीआई ने मार्टिन के खिलाफ कई मामले दर्ज किए हैं।
सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, कंपनी वर्ष 2005 से केरल में सिक्किम लॉटरी टिकट बेच रही थी, लेकिन सरकार को लॉटरी बिक्री की पूरी राशि का भुगतान नहीं कर रही थी, जिसके चलते लगभग 4,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बाद में 2023 में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी धन शोधन निवारण कानून के तहत कंपनी की लगभग 457 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली। इससे यह संकेत मिलते हैं कि उनकी कंपनी, केरल में लॉटरी की फर्जी तरीके से बिक्री कर सिक्किम सरकार के 900 करोड़ रुपये से अधिक के कथित नुकसान का कारण बनी।
सिक्किम में भारतीय जनता पार्टी की इकाई के अनुसार, इन लॉटरी के लिए 1995 से ही निविदा फ्यूचर गेमिंग को मिल रही थी और राज्य को केवल 0.40 फीसदी राजस्व मिल रहा था जबकि इसने सैकड़ों करोड़ रुपये कमाए। मार्टिन वर्ष 2016 से ही धन शोधन कानून जांच के दायरे में आए और ईडी ने उनकी लगभग 910 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है।
वर्ष 2011 में, उन्होंने एक तमिल फिल्म ‘इलाइगनन’ का निर्माण किया, जो द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के दिग्गज नेता एम करुणानिधि की पटकथा लेखक के तौर पर 75वीं फिल्म थी। इसी वर्ष, मार्टिन को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें वेल्लोर जेल में डाल दिया गया। वह तमिलनाडु में भाजपा के करीबी हैं, उनके बेटे चार्ल्स जोस मार्टिन भी वर्ष 2015 में पार्टी से जुड़े थे और उनकी पत्नी लीमा ने भी कथित तौर पर 2014 में एक चुनावी रैली में नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया था।
हालांकि केरल में मुश्किलों का सामना करते हुए भी मार्टिन ने माकपा के मुखपत्र देशाभिमानी को 2 करोड़ रुपये का चंदा दिया। इतना ही नहीं, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी भी उनसे जुड़े एक मामले में उनकी तरफ से पेश हुए जिसके चलते केरल में कांग्रेस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए।
कंपनी के अनुसार, मार्टिन लाइबेरिया के मानद वाणिज्य दूत भी थे, जहां उनका कारोबार भी है। उनकी कंपनी भी कम आश्चर्यजनक नहीं है। फरवरी 2023 में इसके मार्टिन फाउंडेशन ने तब सुर्खियां बटोरीं, जब यह निजी कंपनियों द्वारा चेंगलपट्टू के पट्टिपुलम गांव से लॉन्च किए गए भारत के पहले हाइब्रिड साउंडिंग रॉकेट के पीछे प्रमुख प्रेरक ताकत के रूप में नजर आया।
चुनावी बॉन्ड की बात करें तो कंपनी ने वर्ष 2020-21 में 150 करोड़ रुपये का चंदा दिया, वर्ष 2021-22 में 544 करोड़ रुपये, वर्ष 2022-23 में 328 करोड़ रुपये और वर्ष 2023-24 में 341 करोड़ रुपये दिए।
हालांकि इन वर्षों के दौरान, कंपनी का अधिकतम कर पूर्व लाभ वर्ष 2020-21 में 84.79 करोड़ रुपये बताया गया था, जबकि अन्य सभी वर्षों में कर पूर्व लाभ 82 करोड़ रुपये से अधिक रहा। चुनावी बॉन्ड का ब्योरा सामने आने के साथ, मार्टिन और उनकी कंपनी फिर से सुर्खियों में हैं और संभवत: यह कंपनी के इतिहास में एक और विवाद की नई शुरुआत है।