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सड़क निर्माण में हो विदेशी मुद्रा का उपयोग

Last Updated- December 12, 2022 | 1:57 AM IST

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज कहा कि देश में बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं को कम लागत वाले वित्त की आवश्यकता है और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अतिरिक्त फंड का उपयोग इस उद्ïदेश्य के लिए किया जा सकता है। 
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की बैठक को आभासी तरीके से संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएचएआई) के पास भी विद्युत वित्त निगम (पीएफसी) जैसी कोई वित्तीय इकाई होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘देश में हमारे पास डॉलर का अतिरिक्त भंडार है। मैंने तय किया है रिजर्व बैंक के साथ मिलकर इस बात पर चर्चा करेंगे कि किस प्रकार से एक ऐसी नीति बनाई जाई जिससे कि हम इस विदेशी मुद्रा भंडार का उपयोग देश में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कर सकते हैं।’
रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 30 जुलाई को समाप्त हफ्ते में 9.427 अरब डॉलर बढ़कर 620.576 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया।

हाल में एक संसदीय समूह ने भी सुझाव दिया था कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार हाल के दिनों बहुत अधिक बढ़ा है और रिजर्व बैंक को इस बात को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त रकम का उपयोग दीर्घकालीन सड़क बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के वित्त पोषण करने की संभावनाओं पर विचार करना चाहिए। समूह ने कहा था, ‘रिजर्व बैंक दीर्घकालीन बुनियादी ढांचा संपत्तियों को रकम मुहैया कराने के लिए सॉवरिन वेल्थ फंड के निर्माण के लिए अतिरिक्त भंडार के उपयोग की सहजता पर भी विचार कर सकता है।’ 
मंत्री ने कहा कि उनकी विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के साथ भारत में बुनियादी ढांचे के लिए रकम मुहैया कराने को लेकर बातचीत हुई है।

उन्होंने कहा, ‘इस लिहाज से हमें कुछ वित्तीय संस्थाओं की आवश्यकता है जो बुनियादी ढांचे के लिए ब्याज की लागत को कम कर सके।’ उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे के पास भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी), विद्युत मंत्रालय के पास विद्युत वित्त निगम है लेकिन एनएचएआई के पास ऐसी कोई वित्तीय इकाई नहीं है।
गडकरी ने कहा, ‘हमें एक ऐसी संस्था की जरूरत है जिसमें एनएचएआई की हिस्सेदारी हो और वित्तीय संस्था की हिस्सेदारी हो। संयुक्त उद्यम से हम नीति तैयार कर सकते हैं।’

मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि 2 फीसदी बैंक प्रदर्शन गारंटी की जगह समूची परियोजना को बीमित किया जा सकता है और सड़क मंत्रालय का प्रस्ताव भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) तथा वित्त मंत्रालय के पास लंबित है।
उन्होंने कहा, ‘इसलिए समस्या कहीं न कहीं वित्तीय संस्थाओं के साथ है।…सड़क परियोजनाओं के लिए बैंकों का सहयोग इतनी आसानी उपलब्ध नहीं है क्योंकि पिछले प्रदर्शन को देखते हुए बैंक ठेकेदारों को सहयोग करने की स्थिति में नहीं हैं।’

गडकरी ने कहा कि सड़क मंत्रालय राजमार्ग परियोजनाओं के मुद्रीकरण से 1 लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। मंत्री ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि राजमार्ग निर्माण में प्रतिदिन 100 किलोमीटर की रफ्तार को हासिल किया जाए।

उन्होंने कहा कि देरी और निर्णय नहीं लेना देश में एक बड़ी समस्या है।
उन्होंने कहा, ‘देश के लिए बुनियादी ढांचे का विकास बहुत अधिक महत्त्वपूर्ण है।…कोविड-19 महामारी के दौरान भी हमने एक दिन में 38 किलोमीटर सड़क निर्माण का विश्व रिकॉर्ड बनाया है।’ 

First Published - August 12, 2021 | 12:09 AM IST

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