अर्थव्यवस्था

अमेरिका टैरिफ से FY26 में भारत की GDP 0.5% तक घटने की संभावना, CEA नागेश्वरन ने जताई चिंता

मुख्य आर्थिक सलाहकार नागेश्वरन ने कहा कि अमेरिकी टैरिफ से भारत की GDP दबाव में आएगी, लेकिन GST सुधार और RBI डिविडेंड से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद

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ऋषिका अग्रवाल   
Last Updated- September 08, 2025 | 4:02 PM IST

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ से भारत की GDP वित्त वर्ष 26 में 0.5 फीसदी तक कम हो सकती है। उन्होंने ब्लूमबर्ग टीवी को बताया कि यह पूरी तरह समय पर निर्भर करेगा, अगर ये टैरिफ इस साल ज्यादा देर तक बने रहे तो GDP पर 0.5 से 0.6 फीसदी का असर पड़ सकता है। हालांकि, नागेश्वरन ने उम्मीद जताई कि ये टैरिफ ज्यादा दिनों तक नहीं चलेंगे, लेकिन अगर ये अगले वित्त वर्ष में भी जारी रहा तो विकास की गति पर बड़ा खतरा मंडराएगा।

बता दें कि यह टैरिफ अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 27 अगस्त को लागू किया था। इनमें 25 फीसदी का सेकेंडरी टैरिफ शामिल है। साथ ही 25 फीसदी का जुर्माना, जो भारत के रूसी कच्चे तेल खरीदने के चलते लगाया गया है। ट्रंप का यह कदम भारत के लिए चुनौती पैदा कर रहा है। हालांकि, नागेश्वरन ने साफ कहा कि अभी भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।

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दबाव के बावजूद उम्मीदें बरकरार: नागेश्वरन

इन दिक्कतों के बीच भी नागेश्वरन ने कहा कि भारत का वास्तविक GDP विकास दर वित्त वर्ष 26 में 6.3 से 6.8 फीसदी रहेगी। ये सरकारी अनुमान के मुताबिक है। पहले तिमाही में अर्थव्यवस्था 7.8 फीसदी बढ़ी। ये एक साल से ज्यादा समय में सबसे तेज रफ्तार है। नागेश्वरन ने इसे सकारात्मक संकेत बताया।

नागेश्वरन ने GST में हुए हालिया बदलाव का भी जिक्र किया। उन्होंने अनुमान लगाया कि GST की नई व्यवस्था से GDP में 0.2 से 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। बता दें कि लालकिले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे को पूरा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में GST सुधारों की घोषणा की थी। अब चार स्लैब के बजाय GST में 5 फीसदी और 18 फीसदी के दो स्लैब ही होंगे। साथ ही सिन गुड्स पर फ्लैट 40 फीसदी की दर। ये बदलाव व्यापार को आसान बनाएंगे और चीजें के दाम घटने से लोगों को खरीदारी में आसानी होगी।

नागेश्वरन ने कहा कि इस साल 4.4 फीसदी का राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सरकार को रिकॉर्ड डिविडेंड दिया है। संपत्ति बिक्री (Asset Sale) से भी राजस्व की कमी पूरी होगी। ये सब मिलकर अर्थव्यवस्था को सहारा देंगे। टैरिफ का दबाव है लेकिन सुधारों से रास्ता साफ दिख रहा है।

First Published : September 8, 2025 | 3:57 PM IST