जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) ने आज जवाहरलाल नेहरू पोर्ट और आगामी वाढवण पोर्ट पर बुनियादी ढांचे के विकास, वित्तीय सहयोग व तकनीकी उन्नयन पर ध्यान केंद्रित करते हुए 2.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है।
अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन ने जेएनपीए के साथ दो समझौते किए हैं। एक समझौता वाढवण पोर्ट पर अपतटीय परियोजनाओं में भागीदारी के लिए 26,500 करोड़ रुपये का है। दूसरा कंटेनर टर्मिनलों के विकास के लिए 25,000 करोड़ रुपये का है। इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन ने वाढवण परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने को 20,000 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
ताइवान की शिपिंग फर्म एवरग्रीन मरीन और यूएई की पोर्ट ऑपरेटर गल्फटेनर कंपनी ने भी वाढवण में टर्मिनलों के विकास के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, जिसमें क्रमशः 10,000 करोड़ रुपये और 4,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। जेएनपीए 5 कंटेनर टर्मिनलों के साथ भारत का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट है। इसकी क्षमता 10.1 मिलियन ट्वैंटी फुट इक्वीवैलेंट यूनिट्स (एमटीईयू) से अधिक है। बीस फुट के एक कंटेनर का आयतन ट्वैंटी फुट इक्वीवैलेंट यूनिट कहलाता है।
इसने वित्त वर्ष 2025 में रिकॉर्ड 7.3 एमटीईयू की हैंडलिंग की है। आवास और शहरी विकास निगम ने जेएन पोर्ट पर बुनियादी ढांचे के लिए 5,000 करोड़ रुपये मुहैया कराने के लिए समझौता किया है। ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने मुंबई और जेएन पोर्ट पर ड्रेजिंग गतिविधियों में 1,500 करोड़ रुपये के दीर्घकालिक सहयोग पर सहमति जताई है। इंडियन पोर्ट रेल ऐंड रोपवे कॉरपोरेशन 300 करोड़ रुपये के समझौते के तहत जेएनपीए को दो ग्रीन टग की आपूर्ति करेगा।
ग्लोबल मरीन कॉन्ट्रैक्टर बोस्कालिस इंटरनैशनल बीवी ने वाढवण पोर्ट पर पुन: प्राप्त भूमि के विकास व रखरखाव के लिए हस्ताक्षर किए, जिसमें अनुमानित निवेश 26,500 करोड़ रुपये है। एजिस लॉजिस्टिक्स वाढवण पोर्ट पर कंटेनरों, बल्क और तरल कार्गो को संभालने के लिए मल्टी-कार्गो टर्मिनल विकसित करेगा, जिसमें 20,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। भिलोसा इंडस्ट्रीज ने मरीन सेवाओं, इंटरमॉडल कनेक्टिविट सततता पहल का समर्थन करने वाले बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
राज्य संचालित एनएमडीसी व इंजीनियरिंग कंपनी एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर वाढवण परियोजना के लिए अपतटीय ब्रेकवाटर के निर्माण में भाग लेंगी, जिसका मूल्य 6,500 करोड़ रुपये है। जेएनपीए के साथ समझौता करने वाली अन्य कंपनियों में एनसीसी (26,500 करोड़ रु.), ताइवानी कंटेनर शिपिंग फर्म वान हाई लाइन्स (20,000 करोड़ रु.), हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (6,500 करोड़ रु.), सविता ऑयल टेक्नोलॉजीज (1,500 करोड़ रु.), सेमइंडिया प्रोजेक्ट (6,500 करोड़ रु.) और कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (500 करोड़ रुपये) शामिल हैं।