आयात खास तौर पर सोने का आयात 4.3 गुना बढ़ने से नवंबर में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 37.8 अरब डॉलर की ऊंचाई पर पहुंच गया। वाणिज्य विभाग की ओर से आज जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में आयात 27 फीसदी बढ़कर तकरीबन 70 अरब डॉलर रहा। दूसरी ओर निर्यात 4.8 फीसदी घटकर 25 महीने में सबसे कम 32.1 अरब डॉलर रहा। अक्टूबर में निर्यात में शानदार 17 फीसदी की वृद्धि देखी गई थी, जिसके बाद नवंबर में निर्यात घटा है। अधिकारियों के अनुसार क्रिसमस से पहले पश्चिमी देशों में माल का स्टॉक बढ़ाने के लिए अक्टूबर में निर्यात मांग बढ़ी थी।
वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने कहा कि नवंबर में पेट्रोलियम की कीमतों में नरमी से निर्यात पर असर पड़ा है। मगर अच्छी बात यह रही कि गैर-पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात करीब 8 फीसदी बढ़ा है, जो दर्शाता है कि मांग पर असर नहीं पड़ा है। बड़थ्वाल ने कहा, ‘क्रिसमस मांग को लेकर निर्यात बढ़ रहा है जिसका अर्थ है कि गैर-पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में निरंतर तेजी बनी हुई है।’
नवंबर में पेट्रोलियम निर्यात 49.6 फीसदी घटकर 3.7 अरब डॉलर रहा। इसके अलावा रत्न एवं आभूषण का निर्यात 26 फीसदी घटकर 2.06 अरब डॉलर रहा। निर्यात को बढ़ाने में इंजीनियरिंग वस्तुओं (13.7 फीसदी), दवाएं और फार्मास्युटिकल्स उत्पाद (1.1 फीसदी), इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं (54.7 फीसदी) और रेडिमेड परिधान (9.8 फीसदी) का अहम योगदान रहा।
आंकड़ों के अनुसार नवंबर महीने में 14.9 अरब डॉलर मूल्य के सोने का आयात किया गया जो कुल वस्तु आयात का करीब 20 फीसदी है। वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सोने की कीमतों में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जिसे देखते हुए सोने का आयात बढ़ा है।
वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव एल सत्य श्रीनिवास ने कहा, ‘वर्ष 2024 में नवंबर तक सोना सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली संपत्ति साबित हुई है। सोने को सुरक्षित संपत्ति मानी जाती है जिसे देखते हुए निवेशकों ने इसमें अच्छा-खासा निवेश किया है।’
इक्रा में रिसर्च एवं आउटरीच की प्रमुख और मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि त्योहारों और शादी-विवाह के दौरान मांग बढ़ने से सोने के आयात में तेजी आई है। आने वाले महीनों में सोने के आयात में इतनी तेजी रहने की संभावना नहीं है, जिससे आगे चलकर व्यापार घाटा भी कम होगा।
इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिकी उत्पादों (17.4 फीसदी), पेट्रोलियम उत्पाद (7.9 फीसदी), इलेक्ट्रिकल मशीनरी (12.8 फीसदी), कार्बनिक और अकार्बनिक रसायनों (6.5 फीसदी) तथा खाद्य तेल (87.8 फीसदी) का आयात भी नवंबर में बढ़ा है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के दौरान निर्यात 2.2 फीसदी बढ़कर 284.31 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आयात 8.3 फीसदी बढ़कर 486.73 अरब डॉलर रहा।
नायर ने कहा, ‘नवंबर में व्यापार घाटा बढ़ने से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश के चालू खाते घाटे में भी अनुमान से ज्यादा इजाफा होगा और यह बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.8 फीसदी हो सकता है जबकि अनुमान 2 फीसदी रहने का था। हमने चालू वित्त वर्ष के लिए चालू खाते के घाटे का अनुमान भी जीडीपी के 1 फीसदी से बढ़ाकर 1.4 फीसदी कर दिया है।’
निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बाधा और कच्चे तेल तथा धातुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण भी कुछ हद तक निर्यात मूल्य में कमीआई है। कुमार ने कहा, ‘इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण माल की आवाजाही पर असर पड़ा है।’
नवंबर में सेवाओं का निर्यात मूल्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक रहा। सेवाओं का निर्यात 26.8 फीसदी बढ़कर 35.67 अरब डॉलर रहा जबकि इसका आयात 29.2 फीसदी बढ़कर 17.7 अरब डॉलर रहा।