व्यापार घाटा सर्वोच्च स्तर पर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 12:15 AM IST

सितंबर महीने में व्यापार घाटा बढ़कर 22.59 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो इसके पहले महीने में 13.3 अरब डॉलर था। त्योहारों के पहले भारी मात्रा में आयात और जिंसों के दाम बढऩे की वजह से यह तेजी आई है। इसका असर चालू खाते के संतुलन पर पड़ सकता है। इसकी वजह से दूसरी तिमााही में घाटा हो सकता है, जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अधिशेष की स्थिति थी।
वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात में सितंबर में 22.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि अगस्त में 45.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं वस्तुओं का आयात 84.8 प्रतिशत बढ़ा है, जो इस अवधि के दौरान 51.7 प्रतिशत था। इसकी वजह से घाटा बढ़ा है।
अगर पिछले साल सितंबर से तुलना करें तो घाटे में 663.48 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी हुई है। साथ ही यह कोविड के पहले के सितंबर, 2019 की तुलना में भी 93.6 प्रतिशत ज्यादा है।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘सितंबर में वाणिज्यिक वस्तुओं के घाटे में तेज बढ़ोतरी से त्योहारों के पहले भंडार बनाने के संकेत मिलते हैं, साथ ही कीमतें बढऩे की उम्मीद के कारण कच्चे तेल की अग्रिम खरीद बढ़ी है।’
सितंबर महीने में निर्यात 33.8 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले 27.5 अरब डॉलर था। महंगे सामान जैसे पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग के सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, रत्न एवं आभूषण का कारोबार पिछले साल की तुलना में दो अंकों में बढ़ा है। इंजीनियरिंग के सामान का निर्यात 37 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान 26.3 प्रतिशत और रत्न एवं आभूषण का निर्यात 19.7 प्रतिशत बढ़ा है। बहरहाल श्रम आधारित क्षेत्रों का निर्यात जैसे चमड़ा और इसके उत्पाद, हस्तशिल्प के निर्यात में एक अंक की बढ़ोतरी हुई है।
निर्यातकों के संगठन फियो के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने इसकी वजह कंटेनर की कमी और माल ढुलाई में तेजी बताई। उन्होंने मांग की कि नियामक प्राधिकारी को माल ढुलाई में बढ़ोतरी को लेकर कदम उठाने की जरूरत है।
वहीं दूसरी तरफ सितंबर में आयात 56.4 अरब डॉलर रहा है, जो एक साल पहले  30.52 अरब डॉलर था। पेट्रोलियम की वैश्विक दरों में बढ़ोतरी की वजह से सितंबर में इसका आयात तीनगुना बढ़कर 17.4 अरब डॉलर हो गया, जो 2020 के समान महीने में 5.8 अरब डॉलर था। सोने का आयात 750 प्रतिशत बढ़कर 5.1 अरब डॉलर हो ग.ा, जो एक साल पहले 0.6 अरब डॉलर था।  शक्तिवेल ने आयात के विश्लेषण पर जोर दिया है।  गैर तेल और गैर स्वर्ण के आयात में 40.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि इसके पहले के महीने अगस्त में 37.3 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। इन सामानों की आवक से औद्योगिक मांग का पता चलता है। इसका मतलब यह है कि औद्योगिक उत्पादन सूचकांक सितंबर महीने में भी तेज रह सकता है, हालांकि ज्यादा आधार का कुछ असर पड़ सकता है।

First Published : October 14, 2021 | 11:29 PM IST