अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया बुधवार को रिकॉर्ड निचले स्तर 83.40 पर बंद हुआ, जिसकी वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले आयातकों की तरफ से डॉलर की लगातार मांग रही। बाजार के प्रतिभागियों ने यह जानकारी दी।
मंगलवार को डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 83.39 पर टिका था। स्थानीय मुद्रा ने 10 नवंबर को कारोबारी सत्र के दौरान डॉलर के मुकाबले 83.48 के रिकॉर्ड निचले स्तर को छू लिया था।
छह अहम मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत की माप करने वाला डॉलर इंडेक्स बढ़कर 103.95 पर पहुंच गया, जो मंगलवार को 103.78 पर रहा था। बाजार के प्रतिभागियों का कयास है कि विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप ने रुपये को और गिरने से बचाया।
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (करेंसी व ब्याज दर डेरिवेटिव) ए. बनर्जी ने कहा, रुपये में गिरावट आज होने वाली फेड की नीतिगत घोषणा है। आरबीआई बाजार में था और केंद्रीय बैंक ने करीब 100-200 अरब डॉलर की शायद बिकवाली की होगी।
स्थानीय मुद्रा दिसंबर में और गिर सकती है क्योंकि डॉलर की मांग बने रहने के कयास लगाए जा रहे हैं। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (रिसर्च एनालिस्ट) जतिन त्रिवेदी ने कहा, विदेशी संस्थागत निवेशक खरीदार के तौर पर आए, वहीं देसी संस्थागत निवेशक बिकवाल थे, जिसने रुपये की चाल में योगदान किया। यहां से और गिरावट की संभावना है और इसे करीब 83.50 पर समर्थन मिलेगा।